बेइज्जती की, मारपीट की, प्रेमिका से भी अलग कर दिया...इसलिए मार डाला अपना भांजी दामाद

बेइज्जती की, मारपीट की, प्रेमिका से भी अलग कर दिया...इसलिए मार डाला अपना भांजी दामाद

बदायूं। बहन का रिश्ता करने आए सम्भल के युवक कैलाशनाथ की जरीफनगर में हुई हत्या क्यों की गई, इसका खुलासा पुलिस ने आरोपित सतीश को पकड़कर कर दिया है। सतीश ने स्वीकार किया है कि एक बात पर कैलाश ने न केवल उसकी बेइज्जती की थी बल्कि उसे पीटा भी था। इसके अलावा सतीश कैलाश को अपनी प्रेमिका से दूर करने का कारण भी मानता था, इसलिए उसने कैलाश को गोली मार दी थी। 

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ये था मामला

बदायूं। सम्भल जिले के गांव गंगावास निवासी युवक कैलाशनाथ की रिश्तेदारी जरीफनगर के गांव बस्तुइया में थी। बताते हैं कि कैलाशनाथ ने अपनी बहन के लिए इस गांव में एक लड़का देखा था। विगत तीन मार्च को वह रिश्ता पक्का करने गांव आया था। देर शाम गांव के रहने वाले सतीश ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद पुलिस ने सतीश की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उसका पता नहीं लग रहा था। इसके बाद पुलिस ने उस पर 15 हजार का इनाम भी रख दिया। रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि सतीश किसी से रुपये लेने आया है तथा कहीं जाने की फिराक में सवारी के इंतजार में मुस्लिम होटल के पास बागवाला में दहगवा जाने वाले रास्ते के पास खडा है। पुलिस ने उसे वहां जाकर गिरफ्तार कर लिया। 

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पूछताछ में सतीश ने कबूला हत्या का कारण

बदायूं। पूछताछ में हत्यारोपित सतीश ने बताया कि उसकी दो बहनों मीना व चन्द्रवती की शादी गांव मीरमपुर थाना गुन्नौर जिला सम्भल में हुई है। रिश्तेदारी होने के नाते उसका वहां पर आना जाना लगा रहता था। ग्राम गंगावास में उसके बहनोई महीपाल की लड़की नीतू का विवाह कैलाश के साथ हुआ था। कैलाश रिश्ते में उसका भांजी दामाद लगता था। 

सतीश ने बताया कि जब वह गाजियाबाद में मजदूरी करता था तो गाजियाबाद की रहने वाली तरन्नुम से उसका प्रेम प्रसंग हो गया था। इसके बाद वह तरन्नुम को गाजियाबाद से भगाकर मीरमपुर ले आया और अपने बहनोई महीपाल के घर पर रहने लगा था। तरन्नुम के पिता वकील अब्बासी ने गाजियाबाद के वेव सिटी थाने में उसके खिलाफ अपहरण का मुकदमा लिखा दिया था। पुलिस ने मीरमपुर में दबिश दी तो वह और तरन्नुम वहां से भाग लिये थे, लेकिन पुलिस कैलाश को पकड़कर ले गयी थी। सतीश के अनुसार, जब उसके बहनोई ने उस पर दबाव बनाया तो उसने तरन्नुम को उनके साथ थाने भेज दिया था। इसके बाद पुलिस नें कैलाश को छोड़ दिया था और तरन्नुम के बयान कराये थे। तरन्नुम नें बयान सतीश के पक्ष में दिये थे, जिससे वह बच गया था और तरन्नुम अपनें पिता के साथ चली गयी थी। बाद में जब वह अपनें बहनोई के घर ग्राम मीरमपुर गया तो कैलाश ने उससे गाली गलौज करते हुए काफी बेइज्जत किया और मारपीट भी की थी। कैलाश की वजह से ही उसकी प्रेमिका तरन्नुम उससे बिछड़ गयी थी। 

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तब से सुलग रही थी बदले की आग

बदायूं। सतीश के अनुसार, उसने इसी का बदला लेने के लिये कैलाश को मारने की ठान ली थी। इसके लिए उसने दिल्ली में यमुना किनारे एक चलते फिरते आदमी से 315 बोर का तमंचा और कारतूस खरीदे। तीन मार्च को कैलाश बस्तुईया में अपनी बहन का रिश्ता तय करने आया हुआ था तो वह भी गांव पहुंच गया। शाम को जब कैलाश उसे दिखा तो उसने उसे गोली मार दी। 

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