नौ दिन ही क्यों...क्यों न सदा के लिए लें मन, वचन और कर्म की पवित्रता का व्रत

नौ दिन ही क्यों...क्यों न सदा के लिए लें मन, वचन और कर्म की पवित्रता का व्रत

बदायूं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आवास विकास स्थित सेवा केंद्र पर नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य पर बोलते हुए ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी अरुणा दीदी ने कहा कि चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नौ दिन तक नवरात्र संपूर्ण भारतवर्ष में मनाए जाते हैं। इन दिनों में भारतवासी माता के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि ,महागौरी तथा सिद्धदात्री की पूजा करते हैं। रात भर दीपक जलते हैं तथा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक पवित्रता व ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने का प्रयास करते हैं। 

उन्होंने कहा कि यदि इन दिव्य शक्तियों को मन, वचन, कर्म की पवित्रता अत्यंत प्रिय है तो सिर्फ नौ दिन ही क्यों? क्यों न हम स्थायी सुख, शांति के लिए मन, वचन तथा कर्म की पवित्रता का सदैव के लिए व्रत ले लें ताकि हमारा जीवन सुख, शांति से संपन्न हो जाए। कहा कि नवरात्रों में रात भर ज्योति जलाए रखने का भाव यही है कि हमारी आत्मा रूपी ज्योति सदा जागृत हो, जिससे कोई विकार हमारे पास आ ही न सके। 

अंत में भाई बहनो द्वारा आश्रम में तैयार की गई माता रानी की दिव्य झांकी की आरती की गई तथा भोग लगाया गया। सेवा केंद्र पर भाई-बहन प्रातः एवं शाम को इस मनोरम झांकी का दर्शन कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। इस अवसर पर सभी ब्रह्मकुमारी भाई बहने, नायब तहसीलदार उदयवीर सिंह यादव,  प्रदीप सिंह चौहान, नेपाल सिंह, गायत्र, दीपाली, धर्मवीर, देवांग, मुन्नालाल शाक्य आदि उपस्थित रहे। 

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    Bjp matlov kuchh bho

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    आपकी सेवा... समर्पण,.. ईश्वर कृपा..

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    किसानों का भुगतान होना चाहिए

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