बदायूं। मौर्य-शाक्य समाज का प्रत्याशी बनाने के बाद भाजपा ब्राह्मणों को अपमानित करने में लग गई है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि एक के बाद एक लगातार दो वायरल वीडियो देखकर लोग यह आरोप लगा रहे हैं।
पहला वीडियो उस दिन का है जब भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य बरेली से प्रथम बाद बदायूं आए और उनका रोड शो निकाला गया। लोगों का कहना है कि इसमें रोड शो में चल रहे एक व्यक्ति ने रास्ता बनाने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष गोविंद पाठक को जिस तरीके से धक्का दिया, उसे किसी भी तरीके से सही नहीं कहा जा सकता। हालांकि धक्का देने वाला कौन है, इसे तो लोग नहीं जान पाए, लेकिन जिस तरह उसने यह किया उसे देखकर तो लोग यही कह रहे हैं कि भले ही किसी के चेहरे पर उसका पद न लिखा हो लेकिन रोड शो में शामिल लोग तो भाजपा कार्यकर्ता या पार्टी के समर्थक या फिर वोटर ही रहे होंगे। ऐसे में केवल व्यवस्था बनाने के नाम पर इस प्रकार किसी आम आदमी को भी धक्का नहीं देना चाहिए।
दूसरा वीडियो संभवतः प्रत्याशी चुनाव कार्यालय के उद्घाटन का है, जिसमें भाजपा के बहुत पुराने एवं ईमानदार पदाधिकारियों में गिने जाने वाले हरिओम पाराशरी को बिल्सी विधायक हरीश शाक्य पीछे हट-पीछे हट कहकर हटाने का प्रयास करते दिखाई द रहे हैं। इस वीडियो को देखकर लोग कह रहे हैं कि जब एक जनप्रतिनिधि एक पार्टी कार्यकर्ता को ही इस भाषा में हटाने का प्रयास कर रहा है तो आम जनता के साथ उसका व्यवहार कैसा होगा। इन दोनों वीडियो के वायरल होने के बाद ब्राह्मण समाज में भाजपा नेताओं के प्रति आक्रोश पनप रहा है।
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...जब शहर विधायक को फीते तक पहुंचने में करनी पड़ी जद्दोजहद
बदायूं। उद्घाटन वाले वीडियों में शहर विधायक महेश चंद्र गुप्ता को फीते तक पहुंचने में ही जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मीडिया की सुर्खियों में रहने और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में भाजपा के नेता ही उन्हें धकियाते नजर आ रहे हैं। इस पर लोग अपने- अपने मुताबिक चुटकियां भी ले रहे हैं।
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पहले भी लग चुके इस प्रकार के आरोप
बदायूं। केवल जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर पार्टी पर ब्राह्मणों की उपेक्षा और अपमान के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। हालांकि पार्टी इससे लगातार इंकार करती रही है लेकिन बड़े नेताओं की चाटुकारिता में छोटे पदाधिकारी या कार्यकर्ता के अपमान से इस प्रकार के सवाल उठना भी लाजिमी है।
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