बदायूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन में न केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का बखान किया बल्कि विरोधी दलों पर भी जमकर बरसे। सपा और कांग्रेस का नाम लेते हुए कहा कि ये अराजकता फैलाते थे, कांवड़ यात्रा पर बैन लगाते थे लेकिन हम कहते हैं कि कर्फ्यू नहीं कांवड़ यात्रा चलेगी। ये कहते थे कि बमबाजी होगी, हम कहते हैं कि हर-हर, बम-बम होगा।
बदायूं क्लब में आयोजित भाजपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने मोदी के नेतृत्व में भारत एक बड़ी ताकत बन सके इसलिए उनको तीसरा कार्यकाल मिलना चाहिए। विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश आवश्यक है और विकसित उत्तरप्रदेश के लिए विकसित बदायूं जरूरी है। उन्होंने बदायूं के विकास में दातागंज में लगे एथेनॉल प्लांट का जिक्र किया तो गंगा एक्सप्रेस वे को भी बदायूं के विकास में अहम बताते हुए कहा कि इससे न केवल बदायूं का विकास होगा बल्कि यहां के युवाओं को नौकरी भी मिलेगी। बदायूं से दिल्ली और प्रयागराज का सफर केवल तीन घंटे में होगा। लोगों से सवाल किया कि क्या ये सपा, बसपा और कांग्रेस के लोग कर पाते।
मोदी सरकार की योजनाओं का बखान करने के बाद कहा कि अब तक देश की सीमाएं असुरक्षित थीं। कहीं उग्रवाद तो कहीं आतंकवाद और नक्सवाल था। परिवार वाद के ना पर देश के अंर लूट खसोट करने की छूट दी गई थी। गरीबों के हक पर डकैती डाली जा रही थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। तीन तलाक, राममंदिर निर्माण, कश्मीर में 370 का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों को ये असंभव लगते थे लेकिन मोदी ने यह करके दिखा दिया। ये चुनाव फैमिली फर्स्ट और नेशनल फर्स्ट के बीच है, यह चुनाव माफियाराज बनाम कानून का राज है, यह चुनाव जातिवाद बनाम गरीबों के कल्याण का चुनाव है। आपके सामने चुनाव में एक तरफ भ्रष्टाचारी होंगे तो दूसरी तरफ देश के लिए काम करने वाली भाजपा होगी।
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दोनों प्रत्याशियों को जिताने की अपील
बदायूं। योगी आदित्यनाथ ने बदायूं से प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य और आंवला प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप को जिताने की अपील प्रबुद्धजनों से की। कहा कि आप सभी लोग प्रत्याशी के लिए कैंपेन करें और भाजपा को जिताएं। कहा कि बदायूं से एक प्रत्याशी तो भाग गए दूसरे भी जाने की तैयारी में हैं।
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मंच पर रोने लगी सांसद संघमित्रा {देखें वीडियो)
बदायूं। मंच पर राज्यमंत्री गुलाबदेवी के साथ सांसद संघमित्रा मौर्य भी बैठीं थीं लेकिन वह बैठे बैठे ही रो पड़ीं। हालांकि उनके रोने का कारण तो स्पष्ट नहीं हुआ लेकिन माना जा रहा है कि टिकट कटने के कारण ही ऐसा हुआ। पास बैठी गुलाबदेवी ने भी इसका कोई संज्ञान नहीं लिया तो सांसद वहां से उठकर चलीं गईं। किसी अन्य ने भी उनसे यह पूछने की जहमत नहीं उठाईं कि उनके रोने का कारण क्या रहा।