आ गले लग जा....तुम्हें कहीं 'ठौर' नहीं मिला, हमें कोई 'और' नहीं मिला

आ गले लग जा....तुम्हें कहीं 'ठौर' नहीं मिला, हमें कोई 'और' नहीं मिला

बदायूं। करीब 12 साल पहले बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित किए गए मुस्लिम खां को बसपा ने अपना तो 2022 में ही लिया था लेकिन अब खबर है कि उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट देकर प्रत्याशी भी बना दिया गया है।  

मुस्लिम खां बसपा के टिकट पर 2007 में उसहैत विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। साल 2012 तक वह विधायक रहे लेकिन 2012 में मायावती ने न केवल उनका टिकट काट दिया बल्कि पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया। इसके बाद कुछ समय सपा में रहने के बाद 2022 में वह फिर से बसपा में शामिल हो गए थे। इस बार लोकसभा चुनाव में सपा और भाजपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही लोग बसपा के पत्ते खुलने का इंतजार कर रहे थे। शनिवार को बसपा ने मुस्लिम खां के नाम पर मुहर लगा दी। ऐसे में लोगों का कहना है कि मुस्लिम खां को बसपा के अलावा कहीं 'ठौर' न मिला तो बसपा को उनके अलावा कोई 'और' न मिला। 

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इसलिए किए गए थे निष्कासित

बदायूं। ककराला के शाह सकलैन मियां केवल बदायूं में ही नहीं बल्कि देश भर में बड़ा नाम रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में उनका इंतकाल हो गया था। जिले की राजनीति में उनका गहरा प्रभाव था। ककराला के लोग बताते हैं कि साल 2012 में सकलैन मिया के पिता शाह शुजात अली मियां का उर्स था। उर्स खत्म होने के बाद सकलैन मियां अपने घर के बाहर टहल रहे थे कि तभी तत्कालीन बसपा विधायक मुस्लिम खां की गाड़ी से उनका पैर छू गया था। जब इसकी खबर उनके मुरीदों को लगी तो लोग वहां एकत्र हो गए। तनातनी बढ़ी तो मुरीदों ने मुस्लिम खां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विधायक के खिलाफ उन्हीं के घर के पास कई दिनों तक धरना प्रदर्शन हुआ। माहौल इतना खराब हुआ कि पीएसी तक लगानी पड़ गई थी। कस्बे में लंबे समय तक पीएसी पड़ी रही। लोग बताते हैं कि उस समय केवल ककराला में ही नहीं बल्कि देश के कई स्थानों पर इस बात को लेकर हंगामे हुए थे। इसके बाद मायावती ने 2012 के चुनाव में न केवल उनका टिकट काटा बल्कि पार्टी से निष्कासित भी कर दिया था। 

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बसपा छोड़कर सपा में हो गए थे शामिल

बदायूं। बसपा से निष्कासन के बाद मुस्लिम खां समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे लेकिन 2022 में टिकट न मिलने पर वे फिर से बसपा में शामिल हो गए। इस साल वह शेखूपुर विधानसभा से बसपा टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद उनकी पत्नी भी निकाय चुनाव लड़ीं लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। 

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ककराला कांड में आए थे बेटों के नाम

बदायूं। साल 2022 के दिसंबर में वाहन चेकिंग का विरोध करते हुए पुलिस पर हमला करने वाला मामला जिले में काफी चर्चित रहा था। इस मामले में पुलिस ने नजमुल और गैंगस्टर अमजद को साजिशकर्ता बताते हुए 28 लोगों को नामजद किया था, जबकि तीन सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने कस्बे में जगह जगह लगे सीसीटीवी के फुटेज एकत्र किए और वारदात के दिन प्रसारित हुए वीडियो जुटाए। इन वीडियो के आधार पर पुलिस ने पूर्व विधायक मुस्लिम खां के बेटे आमिर खां, अजमल खां, और उवैश खां के अलावा उनके भांजे वीरपल्ला को भी चिह्नित किया था। 

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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