हाय री राजनीतिः न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम, न इधर के रहे न...

हाय री राजनीतिः न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम, न इधर के रहे न...

बदायूं। राजनीति में कब कौन पाला बदल ले कहा नहीं जा सकता। इस लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हुआ जब जीत की मलाई खाने की ख्वाहिश लिए तमाम नेता पलटी मार गए, लेकिन बदकिस्मती...न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम वाली कहावत उन्हें मार गई। जो लोग पाला बदलकर इस मंशा से भाजपा में शामिल हुए थे कि भाजपा प्रत्याशी तो मोदी के नाम पर जीत ही जाएंगे और उनकी जीत के बाद ठेकेदारी समेत अन्य दलाली की मलाई चाटकर मस्त रहेंगे, उन पर मानो गाज ही गिर गई है। अब नये सांसद के साथ जुगत भिड़ाने में समय तो लगेगा ही। 

राजनीति में ये तो होता ही है कि जब चुनाव आते हैं तो सत्ताधारी पार्टी में मौकापरस्तों का आना शुरू हो जाता है। सत्ताधारी पार्टी भी उनका खैरमकदम ऐसे करती है, जैसे बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हो रही हों। वह अलग है कि इससे पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता का न केवल मनोबल टूटता है बल्कि उसका उत्साह और जज्बा भी कम होता है। इस लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हुआ जब सपा और बसपा के तमाम बड़े और छुटभैये नेता मलाई चाटने की मंशा लेकर भाजपा में शामिल हो गए लेकिन सपा प्रत्याशी आदित्य यादव के जीतने के बाद इन नेताओं की मंशा पर पानी फिर गया है। ऐसे में ये शेर इन पर फिट बैठ रहा है।

न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम, न इधर के हुए न उधर के हुए

रहे दिल में हमारे ये रंज-ओ-अलम, न इधर के हुए न उधर के हुए

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इन्होंने बदला था पाला

बदायूं। पाला बदलने वालों में सबसे पहला नाम बिसौली विधायक आशुतोष मौर्य की बहन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चंद्रा व उनकी पत्नी पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष बिल्सी सुषमा मौर्य का रहा। खुद बिसौली विधायक भाजपा में शामिल तो नहीं हो सके लेकिन सपा में होते हुए भी उन्होंने सपा का चुनाव नहीं लड़ाया। ऐसे में वह भी अंदर से भाजपाई ही रहे। इसके अलावा नगर पंचायत सैदपुर के अध्यक्ष इशरत अली खां और नगर पंचायत फैजगंज बेहटा के अध्यक्ष इसरार अहमद ने भी प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इनके समेत बिसौली के पूर्व ब्लाक प्रमुख कुशेंद्र पाठक, सपा के जिला सचिव बेचे सिंह, बिसौली विधानसभा के महासचिव रवींद्र शर्मा, सपा जिला सचिव सुरेंद्र सिंह सागर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य भैरों प्रसाद मौर्य समेत कई लोग भाजपा में शामिल हो गए थे। 

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ये भी हुए थे भाजपा में शामिल

बदायूं। पूर्व विधायक स्व. योगेंद्र कुमार गर्ग कुन्नू बाबू के पुत्र आशीष गर्ग, बदायूं विधानसभा के बसपा प्रत्याशी रहे ठा. राजेश कुमार सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख इस्लामनगर व सदस्य जिला पंचायत आर्येन्द्र सिंह उर्फ पीलू सिंह, पूर्व प्रधान करनपुर राहुल सिंह, विधानसभा अध्यक्ष सपा बिसौली मनोहर सिंह यादव, बगरैन के ठा. बेचे सिंह, फैजगंज बेहटा के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महेश चंद्र गुप्ता के पुत्र अजय गुप्ता ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। 

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    Bdn ke neta harami hain

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    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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