हार्टफुलनेस के तीन दिवसीय ध्यान शिविर का समापन

हार्टफुलनेस के तीन दिवसीय ध्यान शिविर का समापन

बदायूं। जिला कारागार में जेल अधीक्षक डॉ. विनय कुमार के निर्देशन में श्री रामचंद्र मिशन एवं हार्टफुलनेस संस्था के द्वारा आयोजित एकात्म अभियान के अन्तर्गत तीन दिवसीय निशुल्क ध्यान शिविर का समापन हुआ।    

शिविर के प्रथम दिवस में हार्टफुलनेस संस्था के प्रशिक्षकों द्वारा गाइडेड रिलेक्शेसन के साथ ध्यान, द्वितीय दिवस में गाइडेड सफाई- ध्यान और तृतीय दिवस में प्रार्थना ध्यान के अभ्यास को कराया गया। उपस्थित स्टाफ और इच्छुक बंदियों द्वारा सभी अभ्यास सत्रों में पूर्ण मनोयोग से प्रतिभागिता की गयी। इस अवसर पर जेल अधीक्षक डॉ. विनय कुमार द्वारा सभी बंदियों को अध्यात्म और सद्मार्ग के पथ को अपनाने एवं आत्म परिवर्तन के लिए संकल्प दिलाया। 

जिला पूर्ति अधिकारी रमन मिश्र ने कहा कि हार्टफुलनेस अभ्यास के द्वारा बेलगाम मन को बहुत कुशलता के संयमित किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन शाम को किया जाने वाला हार्टफुलनेस सफाई का अभ्यास उपयोगी है। जोनल कोआर्डिनेटर अनुज सक्सेना द्वारा बताया गया कि हार्टफुलनेस संस्था द्वारा वैश्विक मार्गदर्शक पदम् भूषण परम पूज्य कमलेश डी. पटेल, जिनकोे सभी प्रेम से “दाजी“ कहते हैं के मार्गदर्शन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिवस से हृदय आधारित पद्धति द्वारा एकात्म अभियान का शुभारंभ किया गया है। एकात्म अभियान का स्लोगन है “हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान, हर घर ध्यान“।

प्रशिक्षक श्री लखन सिंह द्वारा विभिन्न रोचक प्रसंगों के माध्यम से सत्र को रुचिकर बनाते हुए ध्यान क्या है और क्यों आवश्यक है, के बारे में विस्तार से समझाते हुए हृदय में दिव्य प्रकाश के स्त्रोत से जुड़ने की महत्ता को बताया। संस्था की ओर से जेल अधीक्षक को वैश्विक मार्गदर्शक दाजी की लोकप्रिय पुस्तक “द हार्टफुलनेस वे“ भेंट की गई। इस, अवसर पर प्रदीप दुबे, कमल चंद्र आदि उपस्थित रहे। अंत में जेलर कुंवर रणविजय सिंह द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।


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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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