जूतों के बाद अब 'चप्पलों' ने कराया बवाल...कसमसाए पूर्व मंत्री जब 'सेक्युलरिज्म' पर उठा सवाल

जूतों के बाद अब 'चप्पलों' ने कराया बवाल...कसमसाए पूर्व मंत्री जब 'सेक्युलरिज्म' पर उठा सवाल

बदायूं। कुछ समय पहले उसावां के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष धीरेंद्र पाल गुप्ता के 'जूते' वाले बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया था तो अब बदायूं नगर पालिकाध्यक्ष फात्मा रजा की 'चप्पलें' सुर्खियों में हैं। भंडारे में अपने कुछ समर्थकों के साथ चप्पलों में प्रसाद बांटने के कारण वह कुछ संगठनों के निशाने पर आईं तो काफी समय से 'सेक्युलरिज्म' का झंडा उठाकर चलने वाले पूर्व मंत्री आबिद रजा भी कसमसा गए। यहां तक कि उन्हें पत्रकारों को बुलाकर सफाई तक देनी पड़ी। मंगलवार को अपने ग्रुप पर मंदिर के पुजारी का बयान भी अपलोड कराकर उन्होंने एक और सफाई पेश की। 

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ये है पूरा मामला -

बदायूं। पिछले दिनों एक वीडियो सामने आया था जिसमें पालिकाध्यक्ष फात्मा रजा ओवरब्रिज के नीचे स्थित आदि शक्ति दुर्गा माता मंदिर में आयोजित भंडारे में चप्पलें पहनकर भक्तों को प्रसाद बांटती दिखाई दे रही हैं। उनके साथ कुछ अन्य लोग भी हैं जो स्पोर्ट्स शूज पहले हैं और उनके साथ-साथ चल रहे हैं। जब ये वीडियो सामने आई तो हिंदू संगठनों में उबाल आ गया। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद (ब्रज प्रांत) के प्रांत युवा गोरक्षा प्रमुख संजीव कुमार प्रजापतिने इस पर आपत्ति जताते हुए पुलिस को तहरीर दे दी। 

(देखें वीडियो) -

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पुलिस को ये दी गई थी तहरीर

बदायूं। तहरीर में उन्होंने लिखा कि यह कृत्य न केवल सनातन धर्म की परंपराओ और श्रद्धा का उल्लंघन है, बल्कि हिंदू समाज की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाला है। धार्मिक स्थल की गरिमा और पवित्रता का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अतः इस मामले का संज्ञान लेकर फात्मा रजा व अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज की जाए। 

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सुर्खियों में आया मामला तो सक्रिय हुआ पक्ष-विपक्ष

बदायूं। जब यह मामला सुर्खियों में आया तो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट और कमेंट की बाढ़ आ गई। लोगों ने इसके पक्ष और विपक्ष में कमेंट करने शुरू कर दिए तो मामला बढ़ता देख पूर्व मंत्री और पालिकाध्यक्ष के पति आबिद रजा को प्रेस कांफ्रेस बुलाकर सफाई देनी पड़ गई। सफाई में उन्होंने कहा कि मंदिर से आगे बढ़कर सड़क पर खाना खिलाया जा रहा था। वहां मंदिर नहीं था, सड़क थी। उन्होंने ये भी कहा कि फात्मा रजा जो चप्पल पहनी थीं वह कपड़े की थी। 

(देखिये, क्या कहा पूर्व मंत्री ने, वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें) -

https://youtu.be/a0Z4pofzT-Y?si=R_W4bNCLaBJuzL8d

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अब पुजारी के बयान का डलवाया वीडियो

बदायूं। मामला जब पूर्व मंत्री की सेक्युलर छवि पर आया तो मंगलवार को आदि दुर्गा शक्ति मंदिर के पुजारी पंडित रामकुमार शर्मा का वीडियो भी उस ग्रुप पर पड़वाया गया जो आबिद रजा मीडिया ग्रुप के नाम से चलता है। इसमें पुजारी कह रहे हैं कि फात्मा रजा मंदिर में चप्पले पहनकर नहीं आई थी। भंडारा सड़क पर हो रहा था, वहीं उन्होंने प्रसाद बांटा था। वीडियो में पुजारी के अलावा भी कई लोगों से सफाई दिलवाई गई है। 

(वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)-

https://youtube.com/shorts/QWS2GB72N4I?si=6A09eh0CLCaYG138

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सोशल मीडिया पर छिड़ी 'वार'

बदायूं। इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर भी 'कमेंट्स युद्ध' छिड़ गया। कोई विपक्ष में बोला तो कोई विपक्ष में। आइये देखते हैं क्या कहा लोगों ने-

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पढ़िये, ये लिखा लवकेश गुप्ता ने


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अब पढ़िये कमेंट्स

" हमारे धर्म में चप्पल किसी भी प्रकार की हो, या जूते, मंदिर में तो लोगक अपने कपड़े के मोजे तक उतार कर जाते हैं। "

- मोहित सक्सेना

" सत्यमेव जयते। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। हिंदू हैं हम वतन है हिंदुस्तां हमारा"

- अजय शर्मा

" लेकिन ये भी नहीं सिखाता कि दूसरे मजहब का अपमान करो, उसकी धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ करो"

- लवकेश गुप्ता (अजय शर्मा के जवाब में)

" चप्पल चमड़े की हो या कपड़े की, पर रहेगी चप्पल ही।"

- सचिन वर्मा

" बहुत ही निदंनीय है। मैं आदरणीय बड़े भाई संजीव प्रजापति जी से, उनसे माफी की वीडियो भी आनी चाहिए, नहीं तो आप आदेश करो भैया, मैं आपके साथ हर तरीके से तैयार हूं। यह कोई खेल नहीं है।" 

- शिवकुमार यादव

" ऐसे लोगों को मंदिर में बुलाने से पहले उसके नियम बताना चाहिए। अगर इसके लिए वह तैयार हैं तो सही है, वरना न बुलाएं।"

- मनी सिंह भदौरिया

" नेता जी, इसको चेयरमैन किसने बनाया। हटाओ इसको जो हमारे धर्म से हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए। जय श्री राम" 

- अंशू भारती

" शर्म आनी चाहिए इन लोगों को" 

-  परवेंद्र ब्रतधारी हिंदू

" ये उनकी ही गलती नहीं है। साथ में जो हिंदू हैं, उन्हें बोलने में क्या दिक्कत थी।" 

- रामकुमार सिसौदिया

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उसावां के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष के जूते वाले बयान की खबरों के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

- 'कोई ज्यादा किराया मांगे तो दुकान पर भीगा जूता तैयार रखो, किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं है....'

https://sabkibaat.in/post/-if-someone-asks-for-more-rent-keep-a-wet-shoe-ready-at-the-shop-no-one-has-the-courage----

- पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष के 'भीगे जूते' ने बढ़ा दी दुश्वारी...कस्बे में सफाई पर गंदगी भारी

https://sabkibaat.in/post/the--wet-shoes--of-the-former-nagar-panchayat-president-increased-the-trouble---filth-overshadowed-cleanliness-in-the-town


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    Bdn ke neta harami hain

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    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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