बदायूं के इस कॉलेज के सहायक लिपिक पर लगा 36 लाख के गबन का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

बदायूं के इस कॉलेज के सहायक लिपिक पर लगा 36 लाख के गबन का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

बदायूं। शहर के राजाराम महिला इंटर कॉलेज के सहायक लिपिक आशीष सक्सेना पर 36.29 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है। कॉलेज की कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई है। आरोप है कि पकड़े जाने के बाद सहायक लिपिक द्वारा बैंक से फर्जी चेक द्वारा निकाले गए रुपयों में से डेढ़ लाख रुपये अपनी अलमारी से बरामद भी कराए गए।  

राजाराम महिला इंटर कॉलेज की कार्यवाहक प्रधानाचार्य अनीता कुमारी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉलेज के विभिन्न कामों से संबंधित धनराशि जमा करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई में अलग-अलग बैंक खाते हैं। इन सभी खातों की पासबुक और चेकबुक कॉलेज के प्रधान लिपिक मनोज भारद्वाज के पास रहती है जबकि मिड-डे-मील के खातों की पासबुक व चेकबुक का रखरखाव सहायक लिपिक आशीष सक्सेना द्वारा किया जाता है। वित्तीय जरूरत पड़ने पर प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर के बाद ही चेक से धनराशि निकाली जाती है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सहायक लिपिक आशीष सक्सेना अपने पिता अजय कुमार सक्सेना की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित बतौर लगे हैं तथा उन्हें कोई वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए हैं। 

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ढाई लाख का ले लिया भुगतान, डेढ़ लाख लौटाये

बदायूं। कार्यवाहक प्रधानाचार्य के अनुसार, विगत 29 जुलाई-24 को कॉलेज के परिचारक राजाराम ने उन्हें बताया कि सहायक लिपिक ने ढाई लाख का बैंक ऑफ बड़ौदा का चेक भुगतान लाने के लिए उन्हें दिया। प्रधानाचार्य ने चेक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके बाद राजाराम ने बैंक से ढाई लाख रुपये निकालकर आशीष सक्सेना को दे दिए, साथ ही मनोज बाबू को न बताने को कहा। प्रधानाचार्य के अनुसार, जब राजाराम ने उन्हें आकर यह बात बताई तो उन्होंने प्रधान लिपिक मनोज तथा सहायक लिपिक आशीष को तुरंत बुलाया। इस पर आशीष ने उन्हें बताया कि ढाई लाख उसकी अलमारी में रखे हैं। जब उन्होंनें मनोज को आशीष के साथ भेजा तो आशीष ने केवल डेढ़ लाख रुपये दिए तथा शेष एक लाख रुपये एक-दो दिन में देने का वायदा किया। 

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कागज चेक कराए तो होता गया खुलासा

बदायूं। प्रधानाचार्य के अनुसार, जब उन्होंने कॉलेज के खाते चेक कराए तो पता चला कि आशीष सक्सेना ने उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर करीब 10.23 लाख रुपये निकाल लिए हैं और उनका उपयोग व्यक्तिगत रूप से कर लिया है। अन्य कागजों की जांच में पता चला कि आशीष द्वारा करीब 36 लाख रुपये का गबन फर्जी हस्ताक्षर करके किया है। प्रधानाचार्य के अनुसार, कुछ धनराशि आशीष सक्सेना द्वारा जमा करा दी गई है जबकि कुछ राशि अभी बकाया है। इसके बाद प्रधानाचार्य ने विगत रविवार को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। 


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