पंजाब से पकड़ा गया बदायूं का ये नामी बदमाश, बाप-बेटे का रहा है शहर में आतंक
साल 2015 में छह सड़का पर गोली मारकर कर दी थी बक्सा व्यापारी की हत्या
बदायूं जेल से पीलीभीत ट्रांसफर किया तो अस्पताल से 2020 में वहां से भागा
50 हजार का है इनामी, पांच साल बाद पीलीभीत पुलिस और नोएडा एसटीएफ के हत्थे चढ़ा
बदायूं। बदायूं समेत कई जगहों पर लोगों को गोली मारकर घायल करने और साल 2015 में शहर के छह सड़का पर बक्सा व्यापारी की हत्या करने वाले 50 हजार के इनामी बदमाश शशांक बजाज को पीलीभीत पुलिस और नोएडा एसटीएफ ने पंजाब से गिरफ्तार किया है। साल 2020 में वह पीलीभीत से फरार हो गया था।
शशांक बजाज बदायूं का रहने वाला है। उसके और उसके पिता देशदीपक बजाज के खिलाफ बदायू और पीलीभीत में कई मुकदमे दर्ज हैं। साल 2020 में वह पीलीभीत से उस वक्त फरार हो गया था जब कोरोना संक्रमित होने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह लुधियाना के साहनेवाल जाकर छिप गया। सोमवार को पीलीभीत पुलिस और नोएडा एसटीएफ ने उसे वहां से पकड़ लिया।
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बाप-बेटे मिलकर करते थे वारदात, शहर में था खौफ
बदायूं। शशांक और उसका पिता देशदीपक बजाज माने हुए बदमाश हैं। दोनों ने 2015 में छह सड़का पर बक्सा व्यापारी सुभाष की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद दोनों यहां से फरार हो गए थे। करीब दो महीने बाद उन्हें देहरादून से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें पहले बदायूं लाया गया और बाद में बरेली और
-शशांक बजाज-
पीलीभीत जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। साल 2020 में जब शशांक कोरोना पॉजिटिव निकला तो उसे जेल से निकालकर अस्पताल भेजा गया था। यहां से वह फरार हो गया था।
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कई और पर भी बरसाई थी गोलियां
बदायूं। शहर के मोहल्ला पनबड़िया निवासी देशदीपक बजाज ने अपनी पत्नी मोहिनी की 1999 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके दो बच्चे हैं। इनमें एक बेटी और एक बेटा शशांक बजाज उर्फ शैलू है। वह शशांक को हमेशा साथ रखता था। 20 दिसंबर 2013 को दोनों ने शहर के मेंथा व्यापारी अमरदीप उर्फ दीपू पर गोली चला दी थी, जिसमें दीपू घायल हो गया था। उनके एक पड़ोसी को भी गोली लगी थी। 2015 में जिस बक्सा व्यापारी सुभाष की उन्होंने हत्या की थी, वह मेंथा व्यापारी दीपू के पिता थे। सुभाष की हत्या के बाद दोनों पिता-पुत्र यहां से फरार हो गए थे।
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ठेकेदार को भी मारी गोली
बदायूं। 2012 में बाप-बेटों ने गांधी ग्राउंड के शिव मंदिर के नजदीक ठेकेदार संजू गुप्ता को गोली मार दी थी। संजू गुप्ता पर रामलीला मैदान में चल रहे मेले में वाहन स्टैंड का ठेका था। इसके बाद काफी समय तक दोनों फरार रहे। जुलाई 2015 में दोनों देहरादून में पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हुए थे। फिर उन्हें बदायूं जेल लाया गया। सितंबर 2018 में देशदीपक बजाज को बरेली और शशांक बजाज को पीलीभीत जेल ट्रांसफर किया गया था। तब से दोनों अलग-अलग जेलों में बंद थे।
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इतना खौफ कि पीड़ित और गवाहों को दी गई थी सुरक्षा
बदायूं। लोगों के बीच पिता-पुत्र के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीलीभीत से शशांक के फरार होने के बाद मेंथा व्यापारी दीपू के घर पर पुलिस तैनात कर दी गई थी। इसके अलावा कई और लोगों को भी सुरक्षा दी गई थी, जो उनके खिलाफ गवाह थे।