
दिनेश गौड़ः जो ठान लिया वो करके दिखाया....सेल्स की नौकरी छोड़ पत्रकार बनने की कहानी
बस यादें...
बुधवार को दिवंगत पत्रकार दिनेश गौड़ का गाजियाबाद में किया गया अंतिम संस्कार
सबकी बात न्यूज। गाजियाबाद निवासी करीब 52 वर्षीय पत्रकार दिनेश गौड़ का मंगलवार को निधन हो गया। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार गाजियाबाद स्थित हिंडन मोक्षस्थली पर किया गया। दिनेश गौड़ काफी लंबे समय से बीमार थे। उनका कई जगह इलाज चला, लेकिन मंगलवार को वह अपने चाहने वालों की आंखे नम करके हमेशा के लिए चले गए।
पत्रकार दिनेश गौड़ करीब दो दशक पहले सेल्स की लाइन में थे। छोटी कंपनियों से शुरू हुए उनके इस सफर में कई नामी कंपनियों के नाम भी जुड़े लेकिन उनका रुझान शुरू ही पत्रकारिता की तरफ रहा। उस समय दैनिक जागरण अखबार से जुड़े बदायूं के अपने एक पत्रकार मित्र से वह अक्सर न केवल इस विधा के बारे में पूछते रहते थे बल्कि कई बार अपनी पत्रकार बनने की इच्छा भी जाहिर कर चुके थे। सेल्स की नौकरी करने वाले की पत्रकारिता में रुचि देखकर उनके मित्र भी यही सलाह देते थे कि पत्रकार बनना आसान नहीं है, लेकिन दिनेश गौड़ हमेशा यही कहते थे कि भाई, एक दिन पत्रकार बनकर रहूंगा।
और उन्होंने यह करके भी दिखाया। हालांकि किसी बड़े मीडिया संस्थान से उनका जुड़ाव नहीं रहा, लेकिन सभी संस्थानों के लोग उनके मधुर व्यवहार के कारण उनकी मित्र मंडली में हमेशा शुमार रहे। कई सालों तक वह इस पेशे से जुड़े रहे, लेकिन अंतिम समय में बीमारी ने उन्हें ऐसा घेरा कि कई महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा। रीढ़ में चोट लग जाने के कारण उनके धड़ वाले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था लेकिन उनकी हिम्मत कभी कम नहीं हुई। हमेशा यहां-वहां जाकर अपना इलाज करने और फिर खड़े होने की बात वह कहते रहे लेकिन ईश्वर की मर्जी के आगे कब किसकी चली है। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी।
आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे दिनेश जी-
आपका बदायूं वाला पत्रकार मित्र और छोटा भाई
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