गाटा संख्या 46 के स्थान पर गाटा 55 पर श्मशान भूमि का निर्माण कराने की मांग
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बदायूं। बिल्सी तहसील की ग्राम पंचायत सतेती में प्रस्तावित श्मशान भूमि निर्माण मामले को लेकर तमाम ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपते हुए मांग उठाई कि निर्माण कार्य गाटा संख्या 46 से हटाकर पारंपरिक श्मशान भूमि गाटा 55 पर कराया जाए। उनकी मांग पर फिलहाल डीएम ने मंदिर के समीप निर्माण न होने का आश्वासन दिया है। वहीं ग्रामीणों ने गाटा 55 पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जे की भी जानकारी दी।
ग्रामीणों का कहना है कि भले ही गाटा संख्या 46 राजस्व अभिलेखों में श्मशान भूमि दर्ज है, किंतु वास्तव में वहां कभी कोई अंतिम संस्कार नहीं हुआ और न ही इस स्थल की सामाजिक स्वीकृति है। इसके विपरीत गाटा संख्या 55 पर सालों से दाह-संस्कार होते आ रहे हैं, इसलिए वही वास्तविक एवं धार्मिक रूप से मान्य श्मशान भूमि है।
बता दें कि यह विवाद पूर्व में भी कई बार प्रशासन स्तर पर उठ चुका है। ग्रामीणों ने आग्रह किया है कि उनकी मांगों के अनुसार शीघ्र कार्रवाई की जाए। इस मौके पर अनिल सिंह, अभिषेक सिंह, राजू जाटव, दिनेश जाटव, शानू जाटव, संदीप सिंह, राहुल सिंह, गौरव सिंह, सचिन, अंकित सिंह, करन सिंह जाटव, हरबिलास सिंह, मुनेंद्र सिंह, कल्लू जाटव, पिंटू जाटव, अनिल जाटव, भोपाली सिंह, जयवीर सिंह, तेजेंद्र सिंह, वीरेश सिंह, शिवेंद्र सिंह, रंजीत सिंह, सुबोध सिंह, अंकित कुमार, पिंकू सिंह, सर्वेंद्र सिंह, भुवनेश सिंह, छबीले, जीतू सिंह व विनोद सिंह आदि मौजूद रहे।
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मंदिर के समीप निर्माण पर जताई आपत्ति
बदायूं। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि गाटा संख्या 46 के पास बाबा भगवानदास की प्राचीन समाधि व मंदिर स्थित है, जो ग्रामवासियों की आस्था का केंद्र है। ऐसे में मंदिर के निकट श्मशान निर्माण से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे श्मशान निर्माण के विरोध में नहीं हैं। वे केवल गाटा संख्या परिवर्तित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने ये भी मांग की गाटा संख्या 55 को राजस्व रिकॉर्ड में भी श्मशान भूमि के रूप में संशोधित दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में विवाद की स्थिति न रहे।
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गाटा संख्या 55 पर अवैध कब्जे का आरोप
बदायूं। ज्ञापन से इतर ग्रामीणों ने जानकारी दी कि भूमि गाटा संख्या 55 पर कुछ प्रभावशाली व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का अवैध कब्जा है। उनसे सांठगांठ के चलते कुछ अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय गाटा संख्या 46 पर निर्माण कराने पर अड़े हुए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि अवैध कब्जेदारों को हटाकर गाटा संख्या 55 पर ही श्मशान निर्माण कराया जाए।