बचपन में खून देकर जिसने बचाई थी जान...दुल्हन बनने पर देखा उसको तो फूट पड़ी रुलाई

बचपन में खून देकर जिसने बचाई थी जान...दुल्हन बनने पर देखा उसको तो फूट पड़ी रुलाई

बदायूं। थल्लिया नगला गांव में शादी के दिन दुल्हन ने जब उस व्यक्ति को देखा जिसने उसे तीन यूनिट खून देकर उसकी जान बचाई थी तो उसकी रुलाई फूट पड़ी। दुल्हन भावुक होने के बाद फूट फूटकर रोई तो लोगों ने उसे जैसे तैसे चुप कराकर शांत कराया। (नीचे और पढ़ें)-


रविवार को ग्राम थल्लिया नगला निवासी जाबिर अली की पुत्री शबनम की शादी थी। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ओमकार सिंह एवं गठबन्धन प्रत्याशी आदित्य यादव को भी निमंत्रण मिला था। शादी में ओमकार सिंह व शिवपाल सिंह यादव के प्रतिनिधि अजेंद्र सिंह गौड़ पहुंचे थे। मौका विवाह के मेल मिलाप का था कि अचानक दुल्हन बनने की तैयारी कर रही शबनम बी कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह को देखकर रोने लगी। मौजूद ग्रामीणों और मेहमानों को कुछ समझ नही आया। जिलाध्यक्ष के काफी समझाने के बाद शबनम जैसे तैसे शांत हुई और जाबिर अली से इस बाबत पूछा तो उन्होंने बताया कि जब शबनम छह वर्ष की थी तब वो छत से गिर गयी थी। उस दिन 21 जून 2005 की तारीख थी। अधिक रक्तस्राव होने के कारण उसे तत्काल खून की जरूरत पड़ी। जाबिर अली ने खून की व्यवस्था करने की काफी कोशिश की लेकिन उस टाइम जिले में ब्लड बैंक ने होने के कारण खून की व्यवस्था नही हो सकी। इसके बाद जाबिर अली ने ओमकार सिंह से संपर्क किया तो ओमकार सिंह ने जिला अस्पताल जाकर सीधे शबनम को पहले एक यूनिट और फिर जरूरत पड़ने पर दो यूनिट और खून दान देकर उसकी जान बचाई। आज जब अपनी शादी के मौके पर उसने ओमकार सिंह को देखा तो वह खुद को भावुक होने से नहीं रोक सकी।  (नीचे और पढ़ें)-

--------


हर साल करते हैं रक्तदान, अब तक 43 बार दे चुके खून

बदायूं। ओमकार सिंह केवल राजनीति के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी पूरी सहभागिता निभाते हैं। हर साल 21 मई को राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर रक्तदान करते हैं और अब तक 43 बार रक्तदान कर चुके हैं। 65 वर्ष की आयु पूरी कर चुके ओमकार सिंह का ब्लडग्रुप ओ पॉजिटिव है जो रेयर माना जाता है। वह कहते हैं कि रक्तदान महादान है और सभी को इसमें अपनी सहभागिता करनी चाहिए। 

Leave a Reply

Cancel Reply

Your email address will not be published.

Follow US

VOTE FOR CHAMPION

Top Categories

Recent Comment

  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

    quoto
  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

    quoto
  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

    quoto