अब हर रविवारः सभ्यता, संस्कृति और इतिहास....'सबकी बात' के साथ

अब हर रविवारः सभ्यता, संस्कृति और इतिहास....'सबकी बात' के साथ

संडे स्टोरी-

बदायूं। जिले में हो रहे प्रमुख घटनाक्रमों समेत सामाजिक गतिविधियां, मौजूदा राजनीतिक हालात समेत अन्य मुद्दों पर सब की बात आपको लगातार खबरें देने का प्रयास कर रहा है। जिले के इतिहास की बात करें तो बदायूं का इतिहास भी मुगलकाल से पहले का रहा है और अति प्राचीन है। (नीचे और पढ़ें)-


यहां तमाम इमारतें ऐसी हैं जो आज खंडहर का रूप ले चुकी हैं लेकिन इनके ऐतिहासिक महत्व को नकारा नहीं जा सकता। कुछ इमारतें और खंडहर तो ऐसे हैं, जिनके बारे में तमाम लोगों को पता भी नहीं है लेकिन लोग जानना चाहते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की खंडहर हो चुकी इमारतों और ऐतिहासिक महत्व वाले भवनों के बारे में हमने एक साप्ताहिक सीरिज चलाने का निर्णय लिया है जिसके माध्यम से हम अपने पाठकों को इन भवनों के महत्व के बारे में बताने की कोशिश करेंगे। इसे 'संडे स्टोरी' के नाम से हमारी वेबवाइट के 'कुछ अलग' वाले पेज पर पढ़ा जा सकेगा। (नीचे और पढ़ें)-


हम हर रविवार को न केवल अपनी वेबसाइट पर इसका प्रकाशन करेंगे, बल्कि अपने यूट्यूब चैनल पर इसकी वीडियो और दुर्लभ फोटो भी आपके सामने रखेंगे। हर रविवार को एक नयी स्टोरी आपके सामने होगी। (नीचे और पढ़ें)-


हमारी हौसलाअफजाई के लिए हमें आपके कमेंट का हमें इंतजार रहेगा। साथ ही जो लोग ऐसी इमारतों के बारे में जानकारी रखते हैं, वे भी हमसे शेयर कर सकते है। पहली स्टोरी के रूप में हम शेयर करेंगे चिमनी का रोजा। हमारे साथ बने रहने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल के नीचे दिए लिंक पर जाकर सबस्क्राइब कर सकते हैं साथ ही फेसबुक पेज को भी फॉलो कर सकते है। तो पढ़ते रहिये, देखते रहिये और बने रहिये- 'सब की बात' के साथ

------------

- यूट्यूब पर वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें


- फेसबुक पेज को फॉलो करें-

Leave a Reply

Cancel Reply

Your email address will not be published.

Follow US

VOTE FOR CHAMPION

Top Categories

Recent Comment

  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

    quoto
  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

    quoto
  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

    quoto