भाजपा प्रत्याशी अपने हैं या 'पराए'...कुछ को भाए तो कुछ मुंह बिचकाए

भाजपा प्रत्याशी अपने हैं या 'पराए'...कुछ को भाए तो कुछ मुंह बिचकाए

बदायूं। कई दिनों की पसोपेश के बाद भाजपा ने प्रत्याशी घोषित तो कह दिया लेकिन अब जनता असमंजस में है कि प्रत्याशी को अपना माने या पराया, यानी उन्हें स्थानीय कहें या फिर बाहरी। तमाम लोगों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय शाक्य की जन्मस्थली भले ही बदायूं हो लेकिन उनकी कर्मस्थली बरेली ही रही है। उनका शैक्षिक समेत राजनीतिक जीवन बरेली में ही ज्यादा व्यतीत हुआ है। ऐसे में कुछ को वह भा रहे हैं तो कुछ उनके नाम पर मुंह बिचका रहे हैं। 

भाजपा ने दुर्विजय को प्रत्याशी बनाकर ओबीसी कार्ड खेला है। लोकसभा सीट पर मौर्य-शाक्य वोटरों की खासी संख्या है लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो जहां एक ओर यह प्वाइंट भाजपा के पक्ष में जाता है तो वहीं इसका एक नकारात्मक पहलू भी है। जानकारों के अनुसार, बिरादरी के ही कुछ नेता ही किसी स्वजातीय को आगे नहीं बढ़ते देखना चाहते। ऐसे में ये प्रत्याशी की राह में कांटे बिछाने का काम जरूर करेंगे। इसके अलावा पार्टी की स्थानीय गुटबाजी भी प्रत्याशी की राह में कांटों जैसी होगी। भाजपा के नेता दावे भले ही कितने भी करें लेकिन गुटबाजी की बात राजनीति की जरा सी भी जानकारी रखने वाले व्यक्ति को है। 

------

ये रही है पार्टी की स्थिति

बदायूं। वर्ष 1991 में स्वामी चिन्मयानंद के चुनाव जीतने के बाद 2019 तक बदायूं को दोबारा यह सीट हासिल करने में 28 साल लग गए। 2019 में संघमित्रा मौर्य ने यहां से चुनाव जीता। हालांकि इससे पहले ओंकार सिंह ने वर्ष 1962 व 67 में चुनाव जीता था, लेकिन तब वह भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे। 1991 के बाद भाजपा कभी दूसरे तो कभी तीसरे नंबर पर रही। 1996 में भाजपा के प्रेमपाल सिंह तीसरे स्थान पर, 1998 के चुनाव तथा 1999 के उपचुनाव में भाजपा की शांतीदेवी दूसरे स्थान पर, 2004 में ब्रजपाल सिंह दूसरे स्थान पर तथा 2014 के चुनाव में बागीश पाठक दूसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2009 में यह सीट भाजपा-जदयू के गठबंधन के कारण जद-यू के खाते में चली गई थी। तब यहां से चुनाव लड़े जद-यू के डीके भारद्वाज को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वह चौथे स्थान पर रहे थे। 

------

ये हैं दुर्विजय शाक्य का संक्षिप्त परिचय-

बदायूं। दुर्विजय सिंह का जन्म 12 फरवरी 1977 को बदायूं के ब्लॉक समरेर में हुआ था। गांव से उन्न्होंने केवल पांचवी तक पढ़ाई की है। उसके बाद वह हायर एजुकेशन के लिए बरेली चले गये। वह 1995 में सबसे पहले बरेली कॉलेज इकाई के सहमंत्री बने। वर्ष 1997 में बरेली में विद्यार्थी परिषद में महानगर महामंत्री, महानगर उपाध्यक्ष, विभाग संयोजक और प्रदेश सहमंत्री भी रहे। सन 2001 में शाहजहांपुर में विद्यार्थी परिषद के विस्तारक के रूप में कार्य संभाला। उन्होंने सन 2002 से विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में मुरादाबाद- रामपुर विभाग के संगठन मंत्री का दायित्व संभाला। 2007 में भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। 2012 में प्रदेश सह संयोजक पिछड़ा प्रकोष्ठ भाजपा बने। 2014 में पांचाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष, 2016 में ब्रज क्षेत्र के महामंत्री और फिर 2020 में उपाध्यक्ष बने। मार्च 2023 से भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं। वह बरेली के विशप मंडल इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। 

-----------

28 को बदायूं आयेंगे दुर्विजय शाक्य  

बदायूं। भाजपा की बैठक मंगलवार को एमएलसी वागीश पाठक के आवास पर हुई, जिसमें जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि 28 मार्च को लोकसभा प्रत्याशी दुर्विजय सिंह प्रथम बार बदायूं आ रहे हैं। उनके स्वागत के लिए बड़ी तैयारी की है। पूर्वान्ह 11 बजे बरेली-बदायूंबॉर्डर से रोड-शो का आरम्भ होगा, जहां कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा। उसके बाद विजय नगला, विनाबर, मलगांव, भगत सिंह चौक, कुमारतनय चौक, शास्त्री चौक, नेहरू चौक, गोपी चौक, परशुराम चौक, आंबेडकर पार्क, भामाशाह चौक, इंद्रा चौक होते हुए भाजपा कार्यालय पर पहुंचेंगे। दोपहर तीन बजे कार्यालय पर स्वागत जनसभा में भाग लेंगे।    


Leave a Reply

Cancel Reply

Your email address will not be published.

Follow US

VOTE FOR CHAMPION

Top Categories

Recent Comment

  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

    quoto
  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

    quoto
  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

    quoto