
बदायूं। डी पॉल स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा सात की एक छात्रा की मौत हो गई। स्कूल में छात्रा को करीब दस दिन पहले जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) का टीका लगाया गया था। छात्रा के परिजन टीके को ही उसकी मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीका बच्चों को दिमागी बुखार से सुरक्षा के लिए लगवाए जा रहे हैं। टीके से किसी की मौत होने की बात गलत है।
शहर के काली सड़क के पास एक गली में रहने वाले समर्थ राज रस्तोगी की 13 साल की बेटी वैष्णवी रस्तोगी की विगत रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बताते हैं कि उसे रात उल्टी और दस्त हुए थे, जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई थी। परिजन उसे बरेली ले जा रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि 22 अगस्त को वैष्णवी को स्कूल में जेई (दिमागी बुखार) का टीका लगाया गया था। उसे पहले से बुखार आ रहा था लेकिन उसे टीका लगा दिया गया। इसके बाद उसे उल्टी और दस्त होने लगे। स्कूल ने भी टीकाकरण करने से पहले उन्हें कुछ जानकारी नहीं दी और उनकी बगैर जानकारी के उसे टीका लगा दिया जो गलत है। उनका कहना है कि किसी भी टीके को लगाने से पहले परिजनों को बताना चाहिए था लेकिन स्कूल प्रशासन ने ऐसा नहीं किया। इधर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि अन्य बच्चे पूरी तरह स्वस्थ है, जिन्हें टीका लगाया गया था। बालिका वैष्णवी भी टीका लगने के बाद भी स्कूल आती रही और पूरी तरह स्वस्थ थी। इधर स्वास्थ्य विभाग भी टीके के कारण मौत को नकार रहा है।
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Bjp matlov kuchh bho
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आपकी सेवा... समर्पण,.. ईश्वर कृपा..
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