बदायूं। किशोरी से गैंगरेप के दो आरोपियों को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट दीपक यादव ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक मुजरिम पर एक लाख एक हजार रुपये और दूसरे मुजरिम पर 51 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।
जनपद संभल के थाना गुन्नौर क्षेत्र निवासी वादी ने एक तहरीर वहां के एसपी को दी थी कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री को चार जुलाई 2014 को रात में एक बजे उसके गांव के रामेश्वर और कुंवरपाल बहला फुसलाकर ले गए हैं। थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की। इसमें रामेश्वर और कुंवरपाल की नामजदगी झूठी पाई गई। रिपोर्ट दर्ज होने के करीब 11 दिन बाद पीड़िता को पुलिस ने बरामद किया। तब पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसको मुकेश यादव पुत्र राजेंद्र यादव, विजय पुत्र कृपाल और रामबाबू पुत्र ओमप्रकाश निवासीगण ग्राम अहरौला नवाजी थाना जुनावई जनपद संभल जबरन अपने साथ ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पुलिस ने विजय, रामबाबू और मुकेश यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विजय, रामबाबू और मुकेश का विचारण पॉक्सो कोर्ट में हुआ। मुकदमे के दौरान विजय की कोर्ट से वापस घर जाते समय एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। शुक्रवार को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट दीपक यादव ने विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद गैंगरेप में मुकेश यादव और रामबाबू को दोषी ठहराते हुए उनकी अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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पीड़िता की जलाकर कर दी थी हत्या, ताकि कोर्ट में न दे पाए गवाही
बदायूं। मुकदमे के दौरान मुकेश के पिता राजेंद्र और विजय ने पीड़िता को जलाकर मार दिया ताकि वह मुकदमे में कोर्ट में गवाही न दे पाए। पीड़िता की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें पीड़िता ने अपने मृत्यु पूर्व बयान में मजिस्ट्रेट को बताया कि मुकेश के पिता राजेंद्र सिंह और विजय ने उसको जान से मारने की नीयत से जलाया है ताकि वह सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में गवाही न दे पाए। पीड़िता की हत्या के मामले में 28 फरवरी 2018 को राजेंद्र सिंह यादव और विजय को एक अन्य अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।