
बदायूं। भारतीय किसान यूनियन असली अराजनैतिक ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर रेल रोको का आयोजन रेलवे स्टेशन बदायूं पर रखा था।
जिले के किसान बिना गमछा और बिना टोपी पहने रेलवे स्टेशन पहुंच गए। इससे पहले कई पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया था। पुलिस ने प्लेटफार्म पर किसी कार्यकर्ता को नहीं जाने दिया और रेलवे स्टेशन पर पीएसी तैनात कर दी। तीन-चार थानों की पुलिस ने स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया। जब कार्यकर्ता पहुंचे और पुलिस वालों ने बातचीत की तो उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को एक साथ इकट्ठा कर लिया और सभी कार्यकर्ताओं को मालवीय आवास पर पहुंचने को कहा। जिलाध्यक्ष केपीएस राठौर को पुलिस ने सुबह चार बजे ही नजरबंद कर दिया और रेलवे स्टेशन नहीं जाने दिया। बाद में सभी कार्यकर्ता मालवीय आवास पर पहुंच गए। उसके बाद पुलिस प्रशासन जिलाध्यक्ष को अपनी गाड़ी में बिठाकर मालवीय आवास लेकर आ गए। वहीं पर उन्होंने पंचायत की और ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि अधिकारी लोकतंत्र की हत्या कर रहे है। जनता अपने हकों की लड़ाई शालीनतापूर्वक प्रदर्शन करके लड़ रही थी लेकिन प्रशासन सत्ता के दबाव में आकर उनके हकों को कुचल रहे हैं। किसानों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। यह गलत है। इस मौके पर सूरज पाल सिंह, प्रताप सिंह, हरि सिंह पटेल, हरबंस सिंह, द्वारिकी सिंह, मोहम्मद मोइन, वीरू, कुसुमलता, कमला देवी, उषा रानी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। संचालन जिला सचिव सूरजपाल सिंह और ब्लॉक अध्यक्ष प्रताप सिंह ने किया।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।