
बदायूं। उझानी डिवीजन के गांव बादुल्लागंज में चकरोड को छोड़कर खेतों के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की लाइन डाली जा रही है। गांव वालों के विरोध पर विभागीय अफसरों ने फिलहाल काम को रुकवा दिया है। जेई ने मौका मुआयना कर अधिशासी अभियंता को मामले की जानकारी दी है।
बिजली विभाग ट्यूबवेल और गांव की लाइनों को अलग करने जा रहा है। उझानी डिवीजन के गांव बादुल्लागंज में 15 जून को दोपहर में उस समय काम किया गया, जब किसान घरों पर आराम कर रहे थे। शाम के समय खेतों पर पहुंचे तो इसकी जानकारी हुई, लेकिन तब तक लगभग 12 पोल लगाए जा चुके थे। चकरोड छोड़कर खेतों पर लाइन डालने और बिना पूर्व सर्वे या जानकारी के पोल लगाने का किसानों ने विरोध किया।
इसके बावजूद काम नहीं रोका गया। आरोप है कि किसानों से अभद्र व्यवहार भी किया गया। इसके बाद अधिशासी अभियंता को संबोधित शिकायती पत्र भेजा गया। इसकी कॉपी डीएम समेत चीफ इंजीनियर, एमडी पॉवर कॉरपोरेशन, अधीक्षण अभियंता आदि को भेजी गई। इसके बाद अफसर तुरंत हरकत में आए और उन्होंने आनन-फानन में काम पर रोक लगा दी।
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जेई ने मौके पर जाकर देखी स्थिति
बदायूं। अधिशासी अभियंता के आदेश पर असरासी फीडर के जेई अमित कुमार ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सभी पहलुओं पर बारीकी से अवलोकन किया। शाम को उन्होंने अपनी रिपोर्ट एक्सईएन को सौंप दी। कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि सर्वे या काम से सम्बंधित कोई भी अभिलेख नहीं दिखा पाए। शिकायती पत्र में रहमान रसूल, मुताहिर मियां, शमशाद रसूल, मुजम्मिल हुसैन, सचिन सोनू, सलमान रसूल, पप्पू राठौर, नवाजिश रसूल, बृजपाल, मेराज हुसैन आदि के हस्ताक्षर हैं।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।