
बदायूं। पहले अपहरण और फिर हत्या कर दिए जाने के मामले में जिला सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने पिता-पुत्रों समेत पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी पर 82-82 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला गया है।
बिसौली के गांव परसेरा निवासी रीना पत्नी जुगेंद्र ने 28 नवंबर 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि उसके दो भाई भूरे और रंजीत हैं। उसका छोटा भाई 15 नवंबर 2012 को भाईदूज कराने परसेरा आया था। दोपहर करी ढाई बजे वह अपने भाई रंजीत के साथ बिसौली दवा लेने आई थी। लौटते वक्त गांव बसई की पुलिया पर बलराम पुत्र सोहनलाल निवासी मलिकपुर, निहाल सिंह पुत्र राम सिंह, भूरे व नन्हें पुत्रगण निहाल सिंह निवासी गांव कुर्वी व शिशुपाल निवासी कुलचैरा मिल गए। रीना का आरोप था कि सभी लोगों ने उसके व उसके भाई के साथ मारपीट की और बाद में रंजीत का अपहरण करके ले गए। इसकी उसने रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि आरोपियों ने उसके बड़े भाई भूरे से उसकी जमीन जबरन अपने नाम करा ली थी। इसी रंजिश के चलते छोटे भाई रंजीत से अक्सर आरोपियों की कहासुनी होती थी, जिससे आरोपी रंजीत से रंजिश मानते थे। अपहरण के बाद आरोपियों ने रंजीत की हत्या कर दी। जिला सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार अग्रवाल ने अभियोजन की ओर से डीजीसी क्रिमिनल अनिल कुमार राठौर की बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों पर 82-82 हजार रुपये का जुर्माना डालते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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