बदायूं। शहर के प्रमुख स्कूल ब्लूम्स (ब्लूमिंगडेल) के स्वीपर द्वारा कक्षा प्रेप की पांच साल मासूम का यौन शोषण किया गया। घटना के करीब आठ साल बाद कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न दिए जाने की दशा में उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
शहर के एक व्यक्ति की पांच साल की बच्ची ब्लूम्स (ब्लूमिंगडेल) स्कूल में पढ़ती थी। दो दिसंबर 2016 को स्कूल में स्वीपर रमेश ने उसके साथ अश्लील हरकतें करते हुए उसका यौन शोषण किया था। केवल इतना ही नहीं, रमेश ने उसे किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इससे बच्ची काफी डर गई थी। इसकी रिपोर्ट मासूम की माता ने कोतवाली में दर्ज कराई थी। मामला कोर्ट में जाने पर एडीजे /विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) दीपक यादव ने लोटनपुरा निवासी आरोपी 45 वर्षीय रमेश को सात साल की सजा व 20 हजार के जुर्माने से दंडित किया।
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बच्ची ने मां को बताया- 'कपड़ों में हाथ डालकर सू-सू को छूते हैं रमेश अंकल'
बदायूं। घटना के बाद बच्ची जब अपने घर लौटी तो उसने अपनी मां को इस बारे में बताया। बच्ची ने अपनी मां से कहा कि जब वह बाथरूम में जाती है तो स्वीपर रमेश अंकल उसके पीछे आते हैं और उसे किस करते हैं। बच्ची ने अपनी तोतली जुबां में मां को यह भी बताया कि रमेश अंकल उसके कपड़ों में हाथ डालकर सू-सू यानी प्राइवेट पार्ट को छूते हैं और अपनी सू-सू दिखाते हैं। वह किसी को न बताने के लिए भी कहते हैं और कहते हैं कि बताया तो बाथरूम में बंद करके जान से मार देंगे।
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स्कूल प्रबंधन ने किया छिपाने का प्रयास
बदायूं। बच्ची की मां द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने इस बाबत स्कूल प्रबंधन को तीन दिसंबर को सूचित किया तो प्रबंधक से संपर्क नहीं हो सका। पांच दिसंबर को उसने फिर प्रबंधन को बताया तो प्रबंधन ने सीसीटीवी फुटेज चेक करके कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। अगले दिन भी प्रबंधन ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद उसने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई।
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न्यायाधीश ने की टिप्पणी
बदायूं। बच्ची के साथ यौन शोषण तथा उसे जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले में न्यायाधीश ने टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि पांच वर्षीय पीड़िता के साथ स्कूल के शौचालय में स्कूल में काम करने वाले सफाई कर्मचारी द्वारा मौका पाकर लैंगिक उत्पीड़न किया गया है। उसके गुप्तांगों पर हाथ ही नहीं लगाया गया बल्कि अपना गुप्तांग भी पीड़िता का बार-बार दिखाया गया है। पीड़िता के शौच करने के दौरान अभियुक्त पीड़िता को झांककर देखता था, उसे किस करता था और किसी को बताने पर कमरे में बंद कर मारने की धमकी भी देता था। अबोध बालिका संपूर्ण घटनाक्रम में सदमे से गुजरी है और वह जीवन भर इस सदमे से खुद को बाहर नहीं निकाल सकेगी और सामान्य जीवन नहीं जी पाएगी। अभियुक्त द्वारा जो आपराधिक कृत्य किया गया है वह बालकों के प्रति यौन हिंसा से संबंधित है जिसमें किसी प्रकार का उदार दृष्टिकोण अपनाये जाने का कोई आधार नहीं पाता हूं।
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स्कूल प्रबंधन को भी लगाई फटकार
बदायूं। कोर्ट ने इस मामले में स्कूल प्रबंधन को भी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि विद्यालय प्रबंध तंत्र, जिसका प्रथम दायित्व आने वाले बच्चों की सुरक्षा करना होता है, उसने भी अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लिया और सीसीटीवी होने के बावजूद न तो अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई की और न ही सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराई।