बैंक से पैसा निकाल रहे हैं तो रहें सावधान, कड़िया सांसी गैंग न बना ले निशाना
उघैती से चार लाख 95 हजार की चोरी का खुलासा किया उघैती पुलिस ने
बदायूं। उघैती गर्वी प्रधान के भतीजे की बाइक में लगे बैग से चार लाख 95 हजार की चोरी करने वाले बदमाशों को पहचानकर पुलिस मध्यप्रदेश तक जा पहुंची। सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की पहचान भी कर ली गई, लेकिन दोनों बदमाश मौका पाकर फरार हो गए। हालांकिक पुलिस ने चोरी किए गए चार लाख रुपये बरामद करने में सफलता हासिल कर ली।
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ये था मामला
बदायूं। विगत 10 सितंबर को उघैती गर्वी के प्रधानपति मुनेन्द्र सिंह का भतीजा युगवीर पुत्र प्रेमपाल सिंह कस्बा बिल्सी स्थित एसबीआई से चार लाख 95 हजार रुपये निकालकर वापस अपने गांव आ रहा था। उघैती स्थित पालीवाल स्वीट्स की दुकान के सामने उसने बाइक खड़ी कर दी और पानी पीने चला गया। इसी दौरान आए दो बदमाशों ने बाइक के बैग में रखे रुपये निकाल लिए। पुलिस ने घटना के खुलासे के लिए उघैती रोड पर लगे सीसीटीवी एवं कस्बा बिल्सी स्थित बैंक से कस्बा उघैती तक पीड़ित के आने वाले रास्ते पर लगे सभी सीसीटीवी को बारीकी एवं गहनता से चेक किया गया तो दो व्यक्ति संदिग्ध दिखाई दिये। जांच पर पता चला कि इन्हीं दोनों ने बैग से रुपये निकाले थे।
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मध्यप्रदेश जा पहुंची उघैती की पुलिस
बदायूं। इसके बाद सूचनाएं एकत्र करके उघैती पुलिस की टीम थानाध्यक्ष राजेश कौशिक के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के जिला राजगढ़ स्थित थाना बोड़ा पहुंची तो वहां पता चला कि यहां के ग्राम कड़िया की सांसी जनजाति के लोग पूरे देश में फैलकर होटलो में रुककर चोरी का कार्य करते है। सीसीटीवी कैमरो में दिखाई दे रहे संदिग्धों की पहचान स्थानीय मुखबिरों द्वारा कराई गई तो दोनों बदमाशों का पता चल गया। इसके बाद पुलिस ने दोनांे बदमाशों के कब्जे से चार लाख रुपये व चेकबुक बरामद करने में सफलता प्राप्त कर ली। हालांकि दोनो बदमाश मौके का फायदा उठाकर फरार हो गये। बदमाशों की शिनाख्त 25 वर्षीय रिक्को उर्फ ऋषिकेश पुत्र बालू उर्फ बालकृष्ण निवासी कडिया सासी थाना बोड़ा जिला राजगढ (मध्यप्रदेश) तथा यहीं के 20 वर्षीय गौरव पुत्र गोविन्द सासी सिसौदिया के रूप में हुई है।
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ऐसे करते हैं अपराध
बदायूं। पुलिस के अनुसार, मध्यप्रदेश के जनपद राजगढ में थाना बोड़ा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कडिया में खानाबदोश अपराधिक जनजाति सांसी के लोग रहते है। ये लोग पूरे देश के अलग-अलग शहरो में फैलकर बैंको की मुख्य शाखाओ में जाते है और वहां बैंक खुलने के समय ही किसी व्यापारी/व्यक्ति जिसके थैले में रुपये रहते है या बैंक का स्वयं का रुपया होता है, उसी पर ध्यान केन्द्रित कर रुपयों के मालिकों का जरा सा भी ध्यान हटने पर प्रोफेशनल तरीके से बैग (रुपये) चोरी करते है तथा वहां से जल्द से जल्द फरार होकर जिले से बाहर भाग जाते है ।