बाइक की मरम्मत सीखते-सीखते अपराध की दुनिया में आ गया योगेश...'चिरकी' के नाम से थी पहचान
बदायूं। बाइक मरम्मत का काम सीखते-सीखते योगेश कब अपराध की दुनिया में आ गया, यह उसे खुद भी पता नहीं चला। कम उम्र में ही छोटी-मोटी चोरियों से अपराधों की शुरुआत करने वाले योगेश को उसके जानने वाले 'चिरकी' के नाम से बुलाते थे।
योगेश की मां की मौत के बाद उसके पिता का भी निधन हो गया था। लोगों की मानें तो योगेश के पिता बड्डा शराब पीने के आदी थे। कम उम्र में ही माता-पिता के निधन के बाद योगेश ने अपने नाना की देख-रेख में किशोरावस्था में कदम रखा। पड़ोसियों के अनुसार, आज कटरा ब्राह्पुर का जो मकान खंडहर पड़ा है वहां योगेश अपने नाना के साथ ही रहता था। थोड़ा बड़ा होने पर वह इंदिरा चौक पर एक बाइक मिस्त्री के यहां बाइक की मरम्मत का काम सीखने लगा। यह मिस्त्री यहां खोखा रखकर बाइकों की मरम्मत का काम करता था। किशोरावस्था से ही योगेश छोटी मोटी चोरियां करने लगा था। उसका नाम सुर्खियों में तब आया जब साल 2014 में उसने ट्रांसपोर्टर अमन गुप्ता की सरेआम हत्या कर दी।
---------
छोटे भाई को लोग पुकारते थे 'छोटा चिरकी'
बदायूं। योगेश को यहां लोग योगेश नाम से कम बल्कि 'चिरकी' नाम से ज्यादा बुलाते थे। जान पहचान वालों समेत यार दोस्तों में भी उसे इसी नाम से पुकारा जाता था। यही वजह थी कि लोग उसके छोटे भाई मोहित को भी 'छोटा चिरकी' कहने लगे थे।
--------
कौन सच्चा कौन झूठा...योगेश या बदायूं पुलिस
बदायूं। गिरफ्तारी के बाद योगेश लगातार मथुरा पुलिस और मीडिया के सामने यही कहता रहा कि उसे बदायूं से पकड़ा गया है और बाद में उसे मथुरा लाया गया लेकिन बदायूं पुलिस इस बात से लगातार इंकार कर रही है। अब दोनों में कौन सच्चा है और कौन झूठा, इसका नहीं पता और न ही इसकी वजह समझ आ रही है।
----
संबंधित खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें-
- वीडियोः लांरेस विश्नोई गैंग में एक शूटर बदायूं का...दस साल पहले यहां भी की थी हत्या
https://sabkibaat.in/post/a-shooter-in-lawrence-vishnoi-gang-of-badaun---was-murdered-here-also-ten-years-ago
- सुबह पकड़ा गया था लॉरेंस का गुर्गा योगेश...शाम तक पुलिस नहीं निकाल पाई आपराधिक रिकॉर्ड