सुबह पकड़ा गया था लॉरेंस का गुर्गा योगेश...शाम तक पुलिस नहीं निकाल पाई आपराधिक रिकॉर्ड

सुबह पकड़ा गया था लॉरेंस का गुर्गा योगेश...शाम तक पुलिस नहीं निकाल पाई आपराधिक रिकॉर्ड

खास बातें-

शुक्रवार को योगेश के खंडहरनुमा घर तक पहुंची पुलिस, जारी किए फोटो

समाचार पत्रों को दिए गए बयानों में एसएसपी ने कहा- योगेश का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं, जांच के बाद ही पता चलेगा कि वह बदायूं का निवासी है या नहीं

'सब की बात' न्यूज ने बृहस्पतिवार रात ही खंगाल ली थी योगेश की कुंडली

बदायूं में एक मर्डर समेत कासंगज में मर्डर का भी कर दिया था खुलासा

सब की बात न्यूज

बदायूं। मथुरा पुलिस और दिल्ली एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन के बाद पकड़े गए लॉरेंस विश्नोई के गुर्गे बदायूं निवासी योगेश का बदायूं पुलिस की नजर में कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। बृहस्पतिवार शाम तक पुलिस का यही कहना था जबकि उसे तड़के ही पकड़ लिया गया था। और तो और पुलिस को शाम तक यह भी पता नहीं था कि वह बदायूं का रहने वाला है या नहीं, शाम तक वरिष्ठ अधिकारी जांच किए जाने की बात कह रहे थे। 

शहर के मोहल्ला कटरा ब्राह्पुर का रहने वाला योगेश कुमार पुत्र प्रेमबाबू उर्फ बड्डा 2014 में हुए अमन गुप्ता हत्याकांड में शामिल था। अमन ट्रांसपोर्टर था और उसका

                   -----योगेश जाटव-------

एक सटोरिये से विवाद था, जिसके बाद उसे एसके इंटर कॉलेज के पास उपाध्याय होटल के सामने हत्या कर दी गई थी। अमन को कई गोलियां मारी गई थीं। अमन के परिजनों ने जिन लोगों को शक के आधार पर नामजद कराया था, पुलिस की जांच में वे निर्दोष साबित हुए। पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र आलोकनगर निवासी गौरव साहू उर्फ विक्की, उसके भाई सौरभ उर्फ सिक्की, रजी चौक निवासी आशू साहू और कटरा ब्राह्पुर निवासी योगेश जाटव को गिरफ्तार किया था। 

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पुलिस के अनुसार, सटोरिया था घटना का मास्टर माइंड

बदायूं। घटना का मास्टरमाइंड गौरव का पिता सतीश साहू था। पुलिस ने तब बताया था कि सतीश का मकान अमन के पड़ोस में है। सतीश इसमें रहकर सट्टेबाजी का धंधा चलाता था। अक्सर लोगों की सूचना पर पुलिस यहां छापा मारती थी। सतीश को शक था कि अमन ही पुलिस से उसकी चुगली करता है। बताते हैं कि एक बार अमन ने सतीश की पत्नी को भी पीट दिया था और उसके घर का बिजली-पानी कट कर दिया था। इससे परेशान होकर सतीश ने परिवार समेत बदायूं छोड़ दिया और बरेली में एयरफोर्स स्टेशन के पास आलोकनगर में घर बनाकर रहने लगा। 

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सुबह पकड़ा गया योगेश, शाम तक पुलिस नहीं निकाल पाई आपराधिक इतिहास

बदायूं। योगेश बृहस्पतिवार सुबह पकड़ा गया था। उसके वायरल वीडियो में वह यह कहता भी दिख रहा था कि उसे बदायूं पुलिस ने पकड़ा है लेकिन शाम तक बदायूं पुलिस केवल इसको नकारने में लगी रही कि बदायूं से उसे नहीं पकड़ा गया है। पुलिस ने यह जानने तक की कोशिश नहीं की कि उसका बदायूं से क्या संबंध हैं। शाम तक वरिष्ठ अधिकारी यह कहते रहे कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि वह बदायूं का निवासी है या नहीं, जबकि योगेश को जानने वालों को उसकी वीडियो वायरल होने के बाद ही पता चल गया था। 

अमर उजाला में प्रकाशित एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह का बयान

" जानकारी हुई है। इसके बारे में पता किया जा रहा है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि वह बदायूं का निवासी है या नहीं । "

हिंदुस्तान में प्रकाशित एसएसपी का बयान

" योगेश का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। पारिवारिक व सामाजिक स्थिति के लिए एसओजी को जुटाया गया है। "

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'सब की बात' में प्रकाशित खबर के बाद फैली खबर

बदायूं। 'सब की बात' ने योगेश के पकड़े जाने समेत उसके आपराधिक इतिहास का संक्षिप्त विवरण बृहस्पतिवार रात ही प्रकाशित कर दिया था। इसके बाद पुलिस भी हरकत में आ गई और शुक्रवार को उसके खंडहर पड़े मकान तक पहुंचकर उसके बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद पुलिस ने बाकायदा फोटो सहित इसका प्रेसनोट भी जारी किया। 

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ये है पुलिस के प्रेस नोट में जो रात ही बता दिया था 'सब की बात' न्यूज ने

बदायूं। थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत ब्रह्मपुर निवासी योगेश उर्फ राजू जाति जाटव (उम्र करीब 28 वर्ष) के पिता प्रेम बाबू उर्फ बड्डा दो भाई थे, जनमें दूसरे का नाम जयगोपाल पुत्र प्यारेलाल जो बाट एवं मॉप विभाग में काम करता है और भोजीपुरा

   -- कटरा ब्राह्पुर में खंडहर पड़ा योगेश का मकान-- 

स्टेशन बरेली के पास परिवार सहित रहता है। योगेश के माता-पिता की मृत्यु करीब 8 /10 वर्ष पहले हो चुकी है। तभी से योगेश तथा उसका छोटा भाई मोहित उर्फ चिरकी तथा बहन आंचल व पलक सहित बदायूं से चले गए थे। इसका छोटा भाई मोहित उर्फ चिरकी जनपद फरीदाबाद में रहता है व बहन आंचल अपनी ससुराल सोरों जनपद कासगंज में रहती है। बहन पलक (उम्र 14 वर्ष) अपनी बुआ  फूला निवासी भर्राटोला कस्बा उझानी थाना उझानी के साथ रहती है। योगेश कभी-कभी छुप छुपाकर बदायूं आता है और चला जाता है। 

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ये रहा मुकदमों का इतिहास

- योगेश पर थाना कोतवाली में मुकदमा संख्या 448/17 धारा 147/323/504/506 बनाम सतीश साहू आदि पांच पंजीकृत हुआ जो 11 नवंबर 2017 को समाप्त किया जा चुका है। 

- मुकदमा संख्श्या 138/14 धारा 302 थाना कोतवाली के अभिलेखों में नहीं है बल्कि इस अपराध संख्या पर धारा 110 जी पंजीकृत है।

- मुकदमा संख्या 448/17 के वादी महेश चंद्र गुप्ता से वार्ता की गई तो उक्त अभियोग (448/17) के स्थान पर मुकदमा संख्या 479/14 धारा 302/120 आईपीसी थाना सिविल लाइन पर पंजीकृत है, जिसमें योगेश उर्फ राजू का नाम प्रकाश में आया है। इसकी प्रगति न्यायालय से पता की जा रही है। 

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मुख्य खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-

- वीडियोः लांरेस विश्नोई गैंग में एक शूटर बदायूं का...दस साल पहले यहां भी की थी हत्या

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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