
सब की बात न्यूज। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए लागू कर दिया है। चुनाव से पहले आने वाले इस अधिनियम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब इस कानून के नियम पूरे देश में लागू होंगे।
सीएए के खिलाफ दिल्ली समेत पूर्वोत्तर राज्यो में विरोध प्रदर्शन हुए थे। असम समेत कुछ राज्यो में हिंसा की घटनाएं भी सामने आई थीं। आंदोलनकारियों ने एक धर्म विशेष के नुकसान का आरोप भी लगाया था। इन विरोध प्रदर्शन के कारण ही पांच साल से इसे लागू नहीं किया जा सका था जबकि संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी। अब लोकसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी सरकार ने इसे देश में लागू कर दिया है।
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क्या है सीएए, समझें
- नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए एक अधिनियम है जो दिसंबर 2019 में संसद में पास किया गया था। इस संशोधन के जरिए उन हिंदू, सिख, बौध, जैन, ईसाई आदि धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता की अनुमति दी गई जो दिसंबर 2014 से पहले किसी प्रकार के धार्मिक उत्पीड़न के कारण मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से भाग गए थे।
- यह कानून तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिक बनने का रास्ता खोलता है जो लंबे समय से भारत में शरण लिए हुए हैं। इसमें उन विदेशियों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में बगैर पासपोर्ट और वीजा के घुस आए हैं। इस प्रकार के प्रवासियों को छह वर्षों में फास्ट ट्रैक भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। हालांकि अधिनियम में मुसलमानों को शामिल नहीं गया है। इसके तहत नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार का होगा।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।