दोहरा हत्याकांडः कुछ तो है 'पर्दे' के पीछे...छिपे हैं कई सवालों के 'जवाब'

दोहरा हत्याकांडः कुछ तो है 'पर्दे' के पीछे...छिपे हैं कई सवालों के 'जवाब'

बदायूं। बाबा काॅलोनी में हुए बच्चों के हत्याकांड के मामले में कहीं न कहीं कुछ तो ऐसा है जिस पर पर्दा पड़ा है या डालने की कोशिश की जा रही है। साजिद के एनकाउंटर के बाद लोगों को यही लगा था कि जावेद के पकड़ने के बाद सारे राजफाश हो जाएंगे। जिस दिन जावेद के पकड़ने की खबर आई तो भी लोगों में व्यग्रता थी कि बच्चों के इस नृशंस हत्याकांड से पर्दा उठ जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि कई सवाल और उठ खड़े हुए। हालांकि पुलिस अभी जांच की बात कह रही है लेकिन लोगों के जेहन में अभी भी यही है कि इस मामले में कुछ तो ऐसा है जिस पर 'पर्दा' अभी भी पड़ा है या फिर जानकर डालने की कोशिश की जा रही है। ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि पीड़ित परिवार, पकड़ा गया जावेद और पुलिस तीनों ही अलग-अलग बयान दे रहे हैं। यही कारण है कि लोगों के मन में इस प्रकार की बातें आ रही हैं। 

'सब की बात' आज कुछ ऐसे ही सवालों को उठाने की कोशिश कर रहा है जो हर किसी के जेहन में हैं और लोग उनका जवाब जानना चाहते हैं। आइये पूरे घटनाक्रम के साथ उन विरोधाभासी बयानों और उठने वाले सवालों को जानने की कोशिश करते हैं-

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इन पर करें गौर- 

पीड़ित परिवार- घटना वाले दिन साजिद और जावेद उनके घर पहली बार आए थे।

जावेद- परिवार से ताल्लुक अच्छे थे, उनके घर आना जाना लगा रहता था।

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पीड़ित परिवार- जब साजिद बच्चों का कत्ल कर रहा था तो जावेद भी वहां था।

जावेद (पकड़े जाने के बाद वीडियो में)- घटना के वक्त वह आसपास भी नहीं था। बाद में उसे मोबाइल पर फोन करके लोगों ने बताया कि ऐसा हुआ है। उसके मोबाइल में इसके सबूत हैं।  

पकड़े जाने के बाद (पुलिस को दिए बयान के अनुसार)- घर के अंदर केवल साजिद गया था, वह बाहर खड़ा था। जब उसने साजिद को खून से सने कपड़ों के साथ बाहर आते देखा तो वह डर गया और भाग गया। 

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पीड़ित परिवार- जब साजिद ने बच्चों को कत्ल कर दिया था तो परिवार वाले चीखते हुए बाहर निकले और साजिद को घर के अंदर बंद कर दिया था। बाद में पुलिस वाले उसे ले गए। 

पुलिस- साजिद निकलकर भाग गया था। बाद में उसे शेखूपुर के जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया।

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पीड़ित परिवार- साजिद यह कहकर आया था कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उसकी डिलीवरी होनी है। उसके लिए उसे पांच हजार रुपये चाहिए। 

साजिद की पत्नी- वह तो गर्भवती ही नहीं है, साथ ही कई दिनों से मायके में रह रही थी।

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पुलिस (जावेद के बयान के अनुसार)- साजिद बचपन से बीमार रहता था। कभी कभी अचानक आक्रामक हो जाता था।

काॅलोनीवासी- साजिद और जावेद का व्यवहार सभी के साथ सही था तथा उन्होंने कभी साजिद को आक्रामक नहीं देखा था। 

पीड़ित- साजिद कई सालों से लोगों के बाल काट रहा था। यदि मानसिक रूप से बीमार था तो ऐसे तो वह किसी भी दिन किसी पर भी उस्तरा चला सकता था, लेकिन आज तक उसने ऐसा नहीं किया।

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सवाल ये भी उठ रहे-

- अब तक की बातों के अनुसार, साजिद दुकान जल्दी बंद करके अपने घर सखानूं चला गया था। यहां उसके पास किसी का फोन आया था, वो फोन किसका था ?

- पुलिस जावेद के बयानो के आधार पर बता रही है कि वह कभी कभी हिंसक हो जाता था लेकिन काॅलोनी वासियों के अनुसार, उन्होंने कभी साजिद में ऐसे लक्षण नहीं देखे थे बल्कि उसका व्यवहार सभी के प्रति ठीक था। सवाल ये भी है कि काॅलोनी में ही ऐसा पहली बार क्यों हुआ जो उसने ऐसा कदम उठा डाला। 

- यदि मान भी लिया जाए कि वह हिंसक हो गया था तो उसे तुरंत यह कदम उठाना चाहिए था लेकिन वह दुकान बंद करके सखानूं गया। वहां से बदायूं आकर चाकू खरीदा और उसके बाद उसने घटना को अंजाम दिया। ऐसे में उसके मानसिक मरीज होने की बात किसी के गले नहीं उतर रही। 

- काॅलोनी समेत पूरे शहर में एक चर्चा (?) और आम है, लेकिन उसमें कितनी सच्चाई है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन लोगों के अनुसार, पुलिस को उस एंगल पर भी जांच करनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। लोगों द्वारा की जा रही यह चर्चाएं पीड़ित परिवार तक भी पहुंच रही हैं। 

- काॅलोनी के एक व्यक्ति के अनुसार, वह साजिद की दुकान पर फेशियल कराने गया था तो वह रो रहा था। वो कौन सी बात थी, जिसने साजिद को इतना परेशान कर दिया था कि वह रो रहा था ?

- एक सवाल ये भी लोगों के जेहन में है कि यदि पुलिस साजिद को आठ बजे पकड़कर ले गई और करीब साढ़े नौ बजे उसका एनकाउंटर हुआ तो लगभग डेढ़ घंटे वह कहां रहा और क्या इतनी देर में पुलिस ने उससे यह पूछा कि उसने वारदात क्यों की। यदि साजिद को पकड़े जाने की बात सच है तो जाहिर है कि पुलिस ने उससे यह पूछने में वक्त जाया नहीं किया होगा कि उसने वारदात की है या नहीं, बल्कि उससे यह पूछा गया होगा कि उसके वारदात करने की वजह क्या रही। ऐसे में तमाम लोगों का यह भी कहना है कि पुलिस के पास हर सवाल का जवाब है, जिसे वह सही मौका आने पर जनता के सामने रख सकती है। 

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तो क्या 'मेनिया' (उन्माद) का मरीज था साजिद....पर, सवाल फिर भी बाकी 

बदायूं। जावेद द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों के आधार पर बताया गया कि साजिद मानसिक रूप से कभी कभी हिंसक हो जाता था। जिला अस्पताल की क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट सर्वेश कुमारी के अनुसार, ऐसे मरीजों को मेनिया (उन्माद) का मरीज कहा जाता है। इसमें व्यक्ति एकाएक हिंसक हो जाता है लेकिन यह आक्रोश इतना नहीं होता कि व्यक्ति किसी के घर जाकर उसका कत्ल कर दे और वह भी इतनी निर्दयता से। मेनिया का मरीज कुछ घंटे पहले किसी बात को सोचकर डिप्रेशन में आता है और फिर उसमें हिंसा की भावना अचानक पैदा होती है लेकिन इस मामले में साजिद चाकू खरीदकर लाता है, फिर सखानूं आता है और फिर बदायूं आकर दोनों बच्चों का निर्ममता से कत्ल करता है। इतना इस रोग में नहीं होता। यह प्रीप्लांड मर्डर में ही हो सकता है। 

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क्या है मेनिया यानी उन्माद

बदायूं। क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट सर्वेश कुमारी के अनुसार, पुलिस जो बता रही है उसके अनुसार, इस प्रकार की बीमारी को मेनिया यानी उन्माद के नाम से जाना जाता है। मेनिया डिसऑर्डर मूड डिसऑर्डर का एक ‎रूप है। मेनिया डिसऑर्डर अक्सर आत्मघाती प्रवृत्ति, ‎एंग्जायटी और डिप्रेशन का कारण ‎बनते हैं। मेनिया रोगी कभी-कभी हिंसक हो जाते हैं और ‎‎लोगों के बारे में विकृत धारणाएं भी ‎ बना लेता है।यह उनके सामाजिक कामकाज को बाधित करता है और उन्हें ‎ठीक से सोचने से भी रोकता है। माना जाता है कि मेनिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर ‎है और किसी पिछले आघात या चोट के कारण भी ‎उत्पन्न हो सकता है। 

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... खुद के बच्चे नहीं तो होना चाहिए था बच्चों से प्यार

बदायूं। क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के बच्चे नहीं होते हैं तो इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि वह दूसरों के बच्चों से प्यार करे न कि नफरत। व्यक्ति के पास जिस चीज की कमी होती है, मनोदशा के अनुसार, वह उस चीज से प्यार करता है। बताते हैं कि जावेद ने बयान दिया था कि साजिद को बच्चे नहीं होते थे, इसलिए वह बच्चों से नफरत करता था जबकि साजिद के सोशल मीडिया एकांउट में एक बच्चे के साथ वायरल हुई वीडियो को देखकर भी कहीं नहीं लगता कि वह बच्चों से नफरत करता था। 

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ऐसे में साजिद को मनोरोगी मानना भी नहीं उतर रहा गले

बदायूं। क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट की मानें तो मेनिया के मरीज को गुस्सा आएगा तो वह किसी से गालीगलौज और मारपीट करेगा। इतना गुस्सा नहीं आएगा कि इतनी क्रूरता से बच्चों की हत्या कर दे। इसके अलावा जब कोई मेनिया का मरीज होता है तो सबसे पहले उसके आसपास के लोग परेशान होते हैं। साजिद का समय ज्यादातर दुकान पर बीतता था लेकिन आसपास के लोगों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा बल्कि सभी लोग उसके व्यवहार को सामान्य बताते रहे। ऐसे में जो घटनाक्रम हुआ है  वह मेनिया का तो बिल्कुल नहीं लगता। 

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पूरा हत्याकांडः एक नजर में

19 मार्च- 

शाम 6ः30 से सात बजे- बाबा काॅलोनी में ठेकेदार विनोद तथा ब्यूटी पार्लर चलाने वालीं संगीता के यहां उनके घर के सामने सैलून चलाने वाला साजिद उनके घर पहुंचा और उनके दो बच्चे आयुष 12 और अहान 6 की गला रेतकर हत्या कर दी। तीसरे बेटे पीयूष को भी जान से मारने का प्रयास किया गया।

शाम 7.30 बजे- लोगों को जैसे-जैसे इसका पता चलता गया, भीड़ उग्र होती गई। तोड़फोड़ और आगजनी के साथ लोगों ने कई खोखों को आग के हवाले कर दिया।

रात आठ से 9.30 बजे- पुलिस ने जैसे तैसे स्थिति संभाली तथा आरोपी भाईयों में से मुख्य आरोपी साजिद का एनकाउंटर कर दिया। 

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20 मार्च-

- डीएम मनोज कुमार ने साजिद के एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए। 

- पुलिस दूसरे आरोपी जावेद की तलाश करती रही।

- आधी रात के बाद जावेद का नाटकीय ढंग से आत्मसमर्पण

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21 मार्च-

- जावेद को पुलिस बदायूं लेकर आई, पूछताछ शुरू।

- जावेद ने पुलिस को साजिद के मानसिक रूप से बीमार होने की कहानी बताई तथा खुद का निर्दोष बताया।

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22 मार्च

- पुलिस ने जावेद को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया। 

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24 मार्च-

- आहत पिता विनोद ने घर के सामने खड़ी अपनी बाइक मेे आग लगा दी और खुद भी जान देने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस उनके घर के बाहर कैमरे लगा रही है। 

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घटना से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इन लिंक्स पर क्लिक करें- 

बाबा काॅलोनी में दो बच्चों की गला काटकर हत्या

https://sabkibaat.in/post/double-murder-update

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बच्चों का हत्यारा पुलिस ने किया ढेर

https://sabkibaat.in/post/encounter-of-murderer

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बरेली में पकड़ा गया जावेद

https://sabkibaat.in/post/javed-caught-in-bareilly

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पकड़ा गया जावेद तो बोला- ‘पुलिस के हवाले करा दो मुझे‘, देखें वीडियो

https://sabkibaat.in/post/javed-said-that-he-is-innocent

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...तो कभी-कभी हिंसक हो जाता था साजिद, पर अभी अनसुलझे हैं कई सवाल

https://sabkibaat.in/post/double-murder-work-out

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इन लिंक पर क्लिक करके यूट्यूब चैनल पर देखें वीडियो-

- उझानी में हो रही जावेद से पूछताछ, देखें पकड़े जाने पर क्या बोला...

https://youtu.be/Bh1UJmV1n0w?si=rc_4-0F0yIl3N5mU

बच्चों का हत्यारा पुलिस ने किया ढेर, सुनिये क्या कहा आईजी ने-

https://youtu.be/rXfyW1mlx88?si=ttYtBK4pXcIS6kWB

बाबा काॅलोनी में दो बच्चों की गला काटकर हत्या-

https://youtu.be/m0QtH2d37fE?si=r4m39AWfqTmQ61Ng













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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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