बीच बाजार गोवंश का हमला...पहले महिला को पटका फिर पेट के नीचे घुसा दिए दोनों सींग
महिला हुई लहूलुहान, लोगों ने सड़क किनारे लिटाया, रोती रही मासूम नवासी
बदायूं। छुट्टा गोवंशों का आतंक गांवों और मुख्य मार्गों से निकलकर शहर के बीचोंबीच घुस गया है। शहर के तमाम स्थानों पर गोवंशीय पशु छुट्टा घूमते हैं लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। सोमवार को भी एक छुट्टा गोवंश ने शहर के बड़े बाजार में महिला को उठाकर पहले पटका और फिर उसे सींग मार दिए। गोवंश के दोनों सींग महिला के पेट के निचले हिस्से में घुस गए और वह लहूलुहान हो गई।
पूरे जिले में छुट्टा गोवंशीय पशुओं की हालत किसी से छिपी नहीं है। भले ही सरकार गोशालाएं बनाने और उसमें छुट्टा गोवंशीय पशुओं को रखने के निर्देश दे रही हो लेकिन जमीनी स्तर पर इसमें भी भ्रष्टाचार का तड़का लग चुका है। तमाम गोशालाओं में सुविधाओं के नाम पर पैसों का गबन किया जा रहा है जिसमें छोटे स्तर से लेकरबड़े स्तर तक के कर्मचारी अधिकारी शामिल हैं। इन छुट्टा गोवंशीय पशुओं के कारण तमाम लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन किसी पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता। सोमवार को शहर के भीड़ से भरे बडे़ बाजार में एक छुट्टा गोवंश ने एक महिला पर हमला कर दिया। अपराह्न करीब तीन बजे महिला को पहले सींगों पर उठाकर पटका
और फिर हमला कर दिया। गोवंश के दोनों सींग महिला के पेट के निचले हिस्से में घुस गए और वह खून से लथपथ होकर गिर पड़ी। आसपास के दुकानदारों ने जैसे तैसे महिला को बचाया।
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पौन घंटे बाद आई एंबुलेंस, सडक पर पडी तड़पती रही महिला
बदायूं। दुकानदारों के मुताबिक, हादसे के बाद उन्होंने एंबुलेंस को सूचना दी लेकिन एंबुलेंस करीब पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची। इस दौरान महिला की मासूम नवासी उसके पास बैठी रोती रही और महिला सड़क किनारे तड़पती रही। बाद में लोगों ने उठवाकर एंबुलेंस में लिटाया। महिला ग्राम बनेई की बताई जा रही है।
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पिछले सप्ताह पथिक चौक पर किया था हमला
बदायूं। बताते हैं कि पिछले सप्ताह शहर के पथिक चौक के समीप एक छुट्टा सांड ने मोहल्ला चौधरी सराय निवासी अब्दुल तौफीक खान पर भी हमला कर दिया था। उनके हाथ में दो जगह फ्रैक्चर हो गया था।
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शहर में हर जगह है सांड़ों का आतंक
बदायूं। शहर की लगभग हर मुख्य सड़क पर सांड़ों का आंतक है लेकिन इसे रोकने के लिए आज तक कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। शहर के गद्दी चौक, शहवाजपुर आदि जगहों पर तो इन सांड़ों ने स्थायी ठिकाना बना लिया है। कभी-कभी ये सांड़ हमलावर हो जाते हैं। रजी चौक पर तो एक बार सांड़ ने हलवाई की पूरी दुकान को पलट दिया था तो एक बार चलती कार पर हमला कर दिया था। सांड़ के सींगों की टक्कर से कार का मडगार्ड टूट गया था और पहिया निकलते निकलते बचा था।
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