सड़कों पर चल रही ‘‘मौत‘‘... चलें बचकर नहीं तो हो जाएंगें शिकार

सड़कों पर चल रही ‘‘मौत‘‘... चलें बचकर नहीं तो हो जाएंगें शिकार


बदायूं। शहर समेत जिले की सड़कों पर चलते फिरते मौत कब आपकी ओर दौड़ पड़े, कहना मुश्किल है। ऐसे में चल रहे हैं या दोपहिया वाहन लेकर जा रहे हैं तो दूर तक निगाह जरूर दौड़ा लें कि कहीं कोई सांड़ तो आसपास नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि आपके साथ भी हादसा हो जाए, क्योंकि शासन सड़कों से गोवंशीय पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भिजवाने का आदेश देता है और प्रशासन एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देता है। अभी तक गायों को ही रखने की व्यवस्था नहीं हो सकी है, सांड़ों की तो बात ही छोड़ दीजिए। यही वजह रही कि एक सांड़ ने फिर एक बाइक सवार किसान की जान ले ली। 

मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव मुड़िया खागी निवासी 45 वर्षीय किसान जीतपाल बीती रात करीब आठ बजे उझानी से अपने घर जा रहे थे। गांव बसावनपुर पर सडक पर घूम रहे सांड़ ने बाइक को सींग से पटक दिया। सांड़ ने जीतपाल भी सींग से प्रहार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनको गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

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खेतीबाड़ी करके पाल रहे थे परिवार

बदायूं। जीतपाल खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। वह रविवार शाम बाइक लेकर उझानी गए थे। देर रात लौटते समय बदायूं-मेरठ हाईवे पर हादसा हो गया। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया था। यहां देर रात उनकी मौत हो गई। 

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सांड़ के हमले से कई गवां चुके जान

बदायूं। सांड़ के हमले से किसी की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले उझानी, बिल्सी, उघैती समेत तमाम इलाकों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं पर ऐसे हादसे रुक सकें, इसके लिए कोई ठोस इंतजाम प्रशासन के पास नहीं हैं। शहर में ही आवारा सांड़ लोगों की मुश्किल बढ़ाए हैं लेकिन कोई ध्यान नहंी दे रहा। 

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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