बुजुर्ग महिला के पेंशन खाते से साइबर अपराधियों ने हजारों रुपये उड़ाए, बैंक में अपडेट नहीं हुआ था नंबर

बुजुर्ग महिला के पेंशन खाते से साइबर अपराधियों ने हजारों रुपये उड़ाए, बैंक में अपडेट नहीं हुआ था नंबर

कई साल पहले बंद हो गया था सिम, साइबर अपराधियों ने बना लिया शिकार, बैंक अधिकारियों की संलिप्तता का भी आरोप

बदायूं। शहर के एक बैंक में मोबाइल नंबर से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पेंशन पाने वाली एक बुजुर्ग महिला के एकाउंट से पिछले करीब छह माह में हजारों रुपये निकाल लिए गए। बैंक से संपर्क साधने पर अधिकारी भी अब कुछ संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। 

मामला शहर के बीचोंबीच स्थित एक बैंक का है। शहर के एक मोहल्ला निवासी एक बुजुर्ग महिला का पेंशन खाता इस बैंक में है। महिला के पुत्र के अनुसार, उनके पिता की मृत्यु साल 2013 में हो गई थी, जिसके बाद पिता की पेंशन उनकी माता के नाम आने लगी थी। उस समय उन्होंने माता के मोबाइल नंबर को खाते में जुड़वा दिया था। कुछ सालों तक सब कुछ ठीक चला लेकिन उसके बाद उनकी तबीयत काफी खराब हो गई। इसी बीच मां का मोबाइल नंबर बदल गया, लेकिन बीमारी के कारण वह नये नंबर को खाते में अपडेट नहीं करा सके। बुजुर्ग महिला के बेटे के अनुसार, हाल में ही उन्हे पता चला कि उनकी मां के पेंशन एकांउट से पिछले छह माह से यूपीआई के द्वारा लगातार पैसा निकाला जा रहा है। जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने बैंक जाकर मैनेजर से बात की, लेकिन मैनेजर ने उन्हें कोई संतोषजनक जवाब न देते हुए इसे बैंक की गलती न होना बताया। बुजुर्ग महिला के पुत्र के अनुसार, इस बीच हजारों रुपये यूपीआई के द्वारा साइबर अपराधियों ने निकाल लिए। उनका आरोप है कि इस धोखाधड़ी में बैंक के अधिकारी भी शमिल हैं। उन्होंने साइबर थाने में इसकी शिकायत की बात कही है। 

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बैंक एकाउंट में लगातार आ रही धोखाधड़ी की शिकायतें

बदायूं। आम उपभोक्ता का पैसा अब बैंक एकाउंट में भी सुरक्षित नहीं है। बैंकों को भी चूना लगाकर साइबर अपराधी लगातार क्राइम कर रहे हैं। ऐसे में बैंक अधिकारियों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हाल ही में अमरोहा में भी एक व्यक्ति से इस प्रकार की ठगी की गई। अमरोहा निवासी समरपाल सिंह का मोबाइल नंबर अगस्त में बंद हो गया था। उन्होंने करीब एक सप्ताह बाद इसे चालू कराया। इसके बाद जब उन्होंने अपने बैंक खाते की जांच की तो उसमें से नौ लाख रुपये निकल चुके थे। केवल सात दिनों में साइबर ठगों ने उन्हें लाखों का चूना लगा दिया। केवल मोबाइल नंबर बंद होने के कारण ही इतने रुपये किसने और कहां निकाले, इसका पता नहंी लग सका। इसी तरह अमरोहा निवासी सरफराज के साथ भी हुआ। उनके खाते से 3.73 लाख रुपये साइबर अपराधियों ने इसी प्रकार निकाल लिए। 

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सिम का क्लोन निकालकर हो रही ठगी

बदायूं। बताया जा रहा है कि साइबर अपराधी सिम कार्ड का क्लोन बनाकर इस प्रकार की ठगी कर रहे हैं। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति अपना नंबर बदल लेता है और उसे बैंक में अपडेट नहंी कराता है तो इस प्रकार के नंबर साइबर अपराधियों के हत्थे चढ़ जाते हैं और उससे वह ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। 


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    यूपी में सरकार के नाम पर ढकोसला है

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