नवीन चयनित पराविधिक स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

नवीन चयनित पराविधिक स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरविंद गुप्ता ने की किशोर न्याय अधिनियम 2015 की चर्चा

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शिव कुमारी के निर्देशन में हुआ कार्यक्रम, कशिश सक्सेना ने किया संचालन

बदायूं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में नवीन चयनित पराविधिक स्वयंसेवक गण का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी के निर्देशन में किया गया। 

किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरविंद कुमार गुप्ता ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की चर्चा करते हुए कहा कि जो बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के होते हैं उनका विशेष ध्यान महिला कल्याण निदेशालय लखनऊ द्वारा  रखा जाता है। प्रत्येक जिले में बाल संरक्षण समिति, किशोर न्यायालय, वन स्टॉप सेंटर, बाल आश्रय व संप्रेषण गृह स्थापित है। किशोर का उत्पीड़न शोषण न हो, उसके हित में बाल संरक्षण समिति में कुल पांच सदस्य नामित होते हैं, जिनमें एक अध्यक्ष व चार सदस्य मजिस्ट्रेट के समक्ष अधिकार रखते हुए किशारों के हित में फैसला लेते हैं। 

उन्होंने कहा कि जो किशोर विधि विरुद्ध कार्य करते हैं अर्थात ऐसी गलती जो क्षम्य नहीं होती, वह अपराध की श्रेणी में होती है। उन्हें सुधारने के लिए किशोर न्याय बोर्ड अपने निर्णय देते हैं। गंभीर अपराधों में किशोर को अधिकतम तीन वर्ष तक संप्रेषण गृह में रखा जा सकता है। किशोर न्याय बोर्ड में एक प्रधान मजिस्ट्रेट के साथ दो न्यायिक सदस्य रहते हैं, जिनमें एक महिला व एक पुरुष सदस्य का होना अनिवार्य है। विधि विरुद्ध कृत्य करने पर किशोरों को सुधारात्मक दंड देने के लिए प्रधान मजिस्ट्रेट के साथ एक सदस्य की सहमति का होना अनिवार्य है। 

उन्होंने कहा कि दोनों सामाजिक सदस्य मजिस्ट्रेट के समकक्ष अधिकार रखते हुए किशोर के सर्वाेत्तम हित के लिए माता-पिता के समान अपना दायित्व निभाते हैं। जानकारी देते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि .2021 से अब तक लगभग 1000 पत्रावलियों का निस्तारण उनके कार्यकाल में हो चुका है। सबके प्रयास व शासन प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान के कारण अपराधों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। हम सबका उद्देश्य भी यही है कि अपराध ही न हो। इसके लिए पूरे समाज को जागरूक करने की जरूरत है। 

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बच्चों से करें मित्रवत व्यवहार

बदायूं। श्री गुप्ता ने कहा कि अभिभावकों व स्कूल अध्यापकों को समझाएं कि बच्चों से मित्रवत व्यवहार करें। गुड टच ब बेड टच के अंतर को समझाएं और उन्हें विश्वास में लें ताकि वह हमें कुछ गलत होने पर बता सकें। बच्चों की भावनाओं को समझें। उन्हें समय दें, उनके साथ खेले और उनकी छोटी-छोटी कामयाबी का जश्न मनाएं। किशोर को शैतानी व अपराध का बोध कराएं। किशोर के शिक्षा अधिकार पर भी विशेष बल दें। राइट टू एजुकेशन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक अपने छह से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को अंग्रेजी प्राइवेट स्कूल में निशुल्क पढ़ सकते हैं। प्राइवेट स्कूल को 25 परसेंट ऐसे छात्रों को निशुल्क पढ़ने के निर्देश हैं। कार्यक्रम का संचालन कशिश सक्सेसना ने किया। 

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  • user by संजीव

    आपका नाम राशि वाले ही हैं।

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  • user by Soni sahu

    Media ko bhi khareed liya hai.

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  • user by सुभाष गुप्ता

    मिलेंगे भी नहीं नामजद। लाखों का नहीं करोड़ों का सौदा हुआ है। ज्योति बाबू को बचाने में शहर विधायक महेश गुप्ता सबसे आगे है लीकिन उन्होंने भी फ्री में कुछ नहीं किया है।

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