'संकट' में संघमित्रा...पिता बोले- 'बेटी कहने में आती है शर्म', कोर्ट ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट
बदायूं। भाजपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी के आने से पहले मंच पर रोने वाली सांसद संघमित्रा मौर्य एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके पति होने का दावा करने वाले दीपक केएस ने अपने एक्स हैंडल पर उन्हें 'बहरूपिया' बताया है। इसके अलावा खुद सांसद के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य कह रहे हैं कि उन्हें सांसद संघमित्रा मौर्य को अपनी बेटी कहने पर शर्म आ रही है। इधर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने संघमित्रा व स्वामी प्रसाद मौर्य समेत पांच लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं।
पिछले दिनों बदायूं क्लब में भाजपा का प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें संघमित्रा मौर्य का रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुआ कि लोग उन पर कमेंट करने लगे कि टिकट न मिलने पर सांसद के आंसू छलक आए। कार्यक्रम की समाप्ति के तुरंत बाद संघमित्रा ने इसकी वजह बताई कि पास बैठी राज्यमंत्री गुलाब देवी उन्हें राजा दशरथ की कहानी सुना रही थीं, जिससे भावुक होकर उनके आंसू निकल आए। उनके स्पष्टीकरण की दूसरी वीडियो के सामने आने के बाद ही खुद को उनका पति होने का दावा करने वाले लखनऊ निवासी दीपक केएस ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट डाली।
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क्या लिखा दीपक ने अपने एक्स हैंडल पर- (देखिये पोस्ट)
बदायूं। दीपक ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है- 'राजा दशरथ की कहानी सुनकर, तुरंत मंच पर अत्यंत भावुक होकर कैमरे के सामने रोने वाले बहरूपिये, घर वालों के द्वारा राम सहित समूच रामचरित मानस को गरियाए जाने पर गूंगे-बहरे हो गए थे।'
'अलग बात है कि दोबारा कैमरा देखते ही.....'
'हालांकि मंचासीन अगल-बगल वाले बुद्धिमान थे। '
# कैमरा विलाप
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पिता बोले- 'बेटी कहने में आती है शर्म'
बदायूं। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में और ज्यादा आ गया जब इसके बाद संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया कि उन्हें संघमित्रा को अपनी बेटी कहने में शर्म आती है।
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देखें क्या कहा स्वामी प्रसाद ने-
' मुझको अपनी बेटी पर बेटी कहने पर शर्म आता है जो मंच पर रोकर अपने पिता के चरित्र के विपरीत आचरण करे। राजनीति में रोना-धोना यह बहुत ही बचकानी चीज है, ओछी चीज है, मैं इसको अच्छा नहीं मानता हूं। राजनीति में भावुकता क्या होती है। विचार के आगे पद क्या मायने रखता है। एमपी एमएलए तो कभी बना जा सकता है। जो सांसद रह चुका है वो दूध पीता बच्चा नहीं है, उसको खुद अपना विवेक होना चाहिए कि हमें क्या निर्णय लेना चाहिए। '
चैनल को दिए गए इंटरव्यू को देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-
https://www.facebook.com/abpganga/videos/357637757313599/
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लोग कह रहे- पिता-पुत्री का नाटक
बदायूं। संघमित्रा के रोने और उसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो सामने आने पर लोग अपने मुताबिक चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि संघमित्रा जहां कैमरे के सामने रोकर भाजपा की 'सहानुभूति' पाने का प्रयास कर रही हैं वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बेटी से किनारा करके यह दिखाना चाहते हैं कि उनकी और संघमित्रा की विचारधारा मेल नहीं खाती। बाप-बेटी की यही 'कथित' खाई बाद में स्वामी की भाजपा में एंट्री का रास्ता बन सकती है।
इसके अलावा लोगों का यह भी कहना है कि दरअसल, यह माना जा रहा है कि पार्टी ने फिलहाल संघमित्रा को टिकट न देकर पैदल तो कर ही दिया है और आने वाले दिनों में पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है। दूसरी तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा, राम और रामचरित मानस के खिलाफ इतनी बयानबाजी कर चुके हैं कि यदि वह चाहें भी तो भी उनकी भाजपा में एंट्री अभी संभव नहीं है। ऐसे में वह अपनी बेटी के लिए हिकारत भरे शब्द कहकर अपनी बेटी को भाजपा में सेफ करना चाह रहे हैं ताकि भविष्य में बेटी, बाप के लिए रास्ता बना सके।
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स्वामी प्रसाद और संघमित्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, दीपक ने दी थी अर्जी
बदायूं। दीपक कुमार स्वर्णकार पेशे से पत्रकार हैं। लखनऊ निवासी दीपक का दावा है कि लोकसभा चुनाव के पूर्व 2019 में उनकी शादी संघमित्रा मौर्या से हुई थी। स्वामी प्रसाद मौर्या और परिवार की जानकारी में दीपक और संघमित्रा लंबे समय तक साथ रहे और बाद में शादी कर ली, लेकिन संघमित्रा मौर्या के सांसद बनने के बाद खुद संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या, दीपक की जान के दुश्मन बन बैठे। दीपक ने आरोप लगाया था कि उन पर कई बार हमला भी हो चुका है। इसके बाद दीपक ने संघमित्रा, स्वामी प्रसाद मौर्य समेत छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और धमकाने का आरोप लगाते हुए परिवाद दाखिल किया था। दीपक ने जो अर्जी दी थी, उसमे उनका दावा है संघमित्रा मौर्या ने 2019 के चुनाव में चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया है, उसमें खुद को उन्होंने अविवाहित दिखाया था। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने सारे आरोपियों को तलब किया था। चार अप्रैल की तारीख पर ये लोग कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है।