सफाई कर्मियों ने लगाया आरोप, बोले- ट्रांसफर, पोस्टिंग के नाम पर भी होती है वसूली
नहीं सुनते अधिकारी, रुपये लेते हुए वीडियो भी हुई है वायरल
बदायूं। बिसौली में तैनात एक सफाई कर्मचारी खुद मुख्तार बना बैठा है। आरोप है कि यह कर्मचारी खुद को सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष बताकर अन्य कर्मचारियों से दो-दो हजार रुपये वसूलता है। जो लोग नहीं देते हैं, उनका ट्रांसफर दूर दराज करा दिया जाता है। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इस कर्मचारी का रुपये लेते वीडियो भी वायरल हो रहा है।
बिसौली तहसील की ग्राम पंचायत कोट में तैनात कुछ सफाई कर्मचारियों ने अधिकारियों को शपथ पत्र दिए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि ग्राम पंचायत कोट के अंतर्गत मजरा सराय जस्सू में नियुक्त सफाईकर्मी सतेंद्र पाल सिंह करीब चार वर्षों से ग्राम पंचायत में तैनात है और ब्लॉक सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष है। ब्लॉक में 90 से ज्यादा सफाई कर्मी तैनात हैं। उन सबसे सतेंद्र पाल हर माह दो हजार रुपये जबरन वसूलता है। यह धनराशि यह कहकर ली जाती है कि यह एडीओ पंचायत, बीडीओ से लेकर ऊपर के अधिकारियों और संगठन के जिलाध्यक्ष तक पहुंचाई जाती है, ताकि उनकी नौकरी सुरक्षित बनी रहे।
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वीडियो में रुपये लेता दिख रहा कर्मचारी
बदायूं। सफाई कर्मियों का कहना है कि साक्ष्य के रूप में उनके पास सतेंद्र की वीडियो भी उपलब्ध है, जिसमें वह कर्मचारियों से दो-दो हजार रुपये लेता दिखाई दे रहा है। वीडियो में एक महिला कर्मचारी भी दिख रही है जो दो हजार रुपये देने की बात कहती दिख रही है।
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जो नहीं देता रुपये, उसका करवा दता है ट्रांसफर
बदायूं। आरोप है कि यदि कोई कर्मचारी यह अवैध राशि देने से मना करता है, तो उसका स्थानांतरण जबरन दूर दराज के इलाके में करवा दिया जाता है, और पुनः पोस्टिंग के नाम पर 20-25 हजार रुपये वसूले जाते हैं। कुछ कर्मचारियों का स्थानांतरण उसने बिसौली से इस्लामनगर करा भी दिया है।
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नकद ही नहीं, ऑनलाइन भी लिया जाता है रुपया
बदायूं। कुछ सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी सतेंद्र पाल को नगद रुपये नहीं देते तो उनसे फोन पर रुपये ट्रांसफर करा लिया जाता है। आरोप लगाने वाले सफाई कर्मियों का कहना है कि इसके भी साक्ष्य उन पर मौजूद हैं।
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आरोपित कर्मचारी बोला- 'वीडियो साल-डेढ़ साल पुरानी'
बदायूं। आरोपित कर्मचारी सतेंद्र से जब फोन पर वायरल वीडियो तथा सफाई कर्मचारियों के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उसने आरोप सिरे से नकार दिए। बोला-एक कर्मचारी उधार ले गया था वह रुपये वापस करने आया था। इसी बीच किसी ने वीडियो बना ली। यह भी बोला- कि वीडियो करीब डेढ़ साल पहले की वीडियो है। जिन लोगों को बिसौली से ट्रांसफर हो गए हैं, वहीं लोग उसका विरोध करते हुए गलत शिकायतें कर रहे हैं। सभी आरोप निराधार हैं।