बदायूं। बृहस्पतिवार को फज्र की नमाज के बाद 68 वें उर्स-ए-शुजाअती का आगाज कुरान ख्वानी से हुआ। जुहर की नमाज के बाद ककराला ज्यारत शरीफ से जुलूस-ए-परचम कुशाई का आगाज साहिबे सज्जादा हजरत गाजी मियां हुजूर की सरपरस्ती में सादिकैन मियां हुजूर व मुंतखव अहमद नूर साहब और अहले खाना की कयादत में हुआ।
जुलूस तयशुदा रास्तों जामा मस्जिद, हुसैन गली, खिलाड़ी वाली चौपाल, मेन बाजार से होता हुआ दरगाह शाह शुजाअत पर आकर संपन्न हुआ और परचम को दरगाह पर नस्ब कर दिया गया। जुलूस में नातो मनकबत शरीफ के तरानों और नारों की रूहपरवर सदाओं से समा बंध गया। जुलूस में मुंबई, झांसी, भोपाल, सूरत,दिल्ली, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर समेत ककराला के आसपास गांव मोहम्मद गंज, बेहटा, फैजुल्लाहगंज, रमजानपुर, घबियाई, उसैहत, अलापुर आदि से जायरीनों ने बड़े जोशो खरोश के साथ शिरकत की। (नीचे और पढ़ें)-
जुलूस में अकीदतमंदों ने जगह-जगह शरबत और खाने वगैरह की सबील लगाकर जायरीनों में लंगर तकसीम किया। जुलूस के बाद दरगाह शरीफ पर अस्र की नमाज के बाद गाजी मियां सकलैनी उल कादरी ने फातिहा ख्वानी की। उसके बाद दूरदराज से आए मेहमानों ने मजारे पाक पर हाजिरी कर चादरपोशी व गुलपोशी की। शाम को इशा की नमाज के बाद दरगाह शरीफ पर ही रिवायती अंदाज में एक शानदार रूहानी महफिल मुनाकिद की गई, जिसमें शोरा इकराम ने अपने कलामांे से समा बांधा। उसके बाद उलेमा इकराम ने सिलसिले के बुजुर्गों और साहिबे उर्स हजरत शाह किबला शुजाअत अली मियां रहमतुल्लाह अलैह की तालीमात और आपकी शाने विलायत पर रोशनी डाली और हाजरीन को बुजुर्गों की तालीम और उनके बताए गए रास्ते पर चलने की हिदायत की। (नीचे और पढ़ें)-
सूफी मौलाना रिफाकत सकलैनी नईमी ने कहा कि शरीयत और अपने बुजुर्गाने दीन के अहकाम और तालीम के मुताबिक दुनिया के रास्तों को चुने। दीन के मुताबिक दुनिया गुजारें बल्कि दुनिया के मुताबिक दीन पर अमल न करें।
मौलाना मुफ्ती फहीम सकलैनी ने अपने खिताब में कहा कि सिलसिला ए कादरिया, मुजद्दिदया, शराफतिया, सकलैनिया कोई मामूली सिलसिला नहीं बल्कि एक अजीम सिलसिला है। इस सिलसिले की कश्ती पर जो भी सिद्क और अकीदत के साथ सवार हो गया उसका दीन ओ दुनिया में बड़ा पार है। आखिर में सलात ओ सलाम हुआ इसके बाद हुजूर गाजी मियां ने दुआ कराकर जलसे का इख्तिताम किया।
इस दौरान जुलूस में सादिकैन मियां, मुंतखब मियां, अमीरूल उल्मा सूफी मौलाना रिफाकत सकलैनी नईमी, मुफ्ती फहीम अजहरी सकलैनी, इमामे मस्जिद ज्यारत शरीफ हाफिज मुस्तकीम सकलैनी, जामा मस्जिद इमाम मौलाना कारी मुकद्दस सकलैनी, इंतखाब सकलैनी, मुर्तजा सकलैनी, हमजा सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, मुस्तजाब सकलैनी, महफूज सकलैनी, सरमद सकलैनी, नजीफ सकलैनी आदि मौजूद रहे। इसके अलावा हजरत शाह सकलैन एकेडमी से कारी कैस, हाफिज आमिल, हाफिज अयाज, तौसीफ सकलैनी, फराज खान, चाहत खान,हाफिज सरफराज, कमाल खान, अदनान खान, अमान खान, इकराम अली आदि मौजूद रहे। शुक्रवार को सुबह 11 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की जायेगी।