
...तो क्या हिरन के मांस से कर ली गई 'पार्टी', अवशेष मिट्टी में किए गए दफन
बदायूं। जिले के मुजरिया क्षेत्र के कौल्हाई गांव में मिट्टी में दफन किए गए हिरन के अवशेष बरामद किए गए हैं। खास बात ये है कि जहां हिरन को मारकर दफन किया गया, वह वन विभाग की ही नर्सरी बताई जाती है। चर्चा है कि पहले हिरन को मारकर उसके मांस से पार्टी की गई और बाद में उसके अवशेष दफन कर दिए गए।
मंगलवार को पशुप्रेमियों को सूचना मिली कि किसी ने हिरन को मारकर उसको मिट्टी में दफन कर दिया है। इसके बाद पशु प्रेमी संजीव कुमार, विकेन्द्र शर्मा, विभोर शर्मा, मयंक प्रताप, श्याम शर्मा, सूर्य, अमर तथा सीताराम आदि मौके पर पहुंच गए। पुलिस को भी सूचना दे दी गई, जिसके बाद बताई गई जगह पर खोदवाकर देखा गया। यहां हिरन के अवशेष बरामद हुए। अब पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
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विभाग के व्यक्ति के शामिल होने का शक
बदायूं। इस मामले में वन विभाग के ही किसी व्यक्ति के शामिल होने का शक जताया जा रहा है। बताते हैं कि हिरन के अवशेषों को नर्सरी की पिछली दीवार के नजदीक दफनाया गया था, जहां किसी बाहरी व्यक्ति का पहुंचना संभव नहीं दिखता।
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रेड मीट की श्रेणी में आता है हिरन का मांस
बदायूं। बदायूं। जानकार बताते हैं कि हिरन का मांस रेड मीट की श्रेणी में आता है जिसमें वसा कम और प्रोटीन ज्यादा होता है। इसमें आयरन की मात्रा भी ज्यादा होती है और यह विटामिन-बी से भी भरपूर होता है। ऐसे में अज्ञात लोगों द्वारा हिरन को मारकर उसका मांस खाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यहां एक बात और है कि जिस हिरन के अवशेष मिले हैं, उसके सींग मौजूद हैं। ऐसे में उसके सींग के लिए शिकार करने की संभावना खत्म हो जाती है और उसे मारकर खाने की बात ही सही लगती है। हालांकि हिरन को मारकर खाना अपराध की श्रेणी में आता है।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।