जीवनसाथी की हत्या कर अब बुढ़ापे में आजीवन कारावास भुगतेगा भगवानदास

जीवनसाथी की हत्या कर अब बुढ़ापे में आजीवन कारावास भुगतेगा भगवानदास

बदायूं। फावड़ा मारकर पत्नी की हत्या करने वाला भगवान दास अब बाकी की उम्र जेल में काटेगा। जिस उम्र में उसे अपनी पत्नी के साथ जीवन बिताना चाहिए था, उस उम्र में उसे जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा। पत्नी की हत्या करने वाले भगवानदास को पत्नी की हत्या के जुर्म में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। भगवानदास ने दो साल पहले अपनी दिव्यांग पत्नी को केवल इसलिए मार डाला था क्योंकि उसने उसे शराब के लिए पैसे नहीं दिए थे। 

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ये था मामला

बदायूं। फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गांव भवानीपुर निवासी भगवानदास की पत्नी और बेटे मजदूरी करते थे। इसी से उनके परिवार का गुजारा चल रहा था। ग्रामीणों के अनुसार, भगवान दास शराब का आदी था। वह अक्सर पत्नी और बेटों से शराब पीने को रुपये मांगता था। जब वे रुपये नहीं देते तो वह उनके साथ मारपीट करता था। वारदात के एक दिन पहले भी उसने अपनी दिव्यांग पत्नी रामकली के साथ मारपीट की थी। घटना वाले दिन उसके बड़े बेटे रामखिलाड़ी के मुताबिक, उसके पिता भगवानदास ने उस दिन भी शराब पी थी। उसके बाद मां रामकली के साथ मारपीट की। उस समय मामला निपट गया लेकिन शाम को फिर भगवानदास शराब पीकर आया। पत्नी और बेटों के साथ गालीगलौज की। फिर पत्नी के साथ कमरे में जाकर

                       - रामकली का फाइल फोटो-

सो गया। सुबह चार बजे रामकली की हत्या कर दी। हत्या की वजह को लेकर भगवानदास ने तो बातें बनाईं पर बेटे के मुताबिक पिता ने हमेशा की तरह मां से शराब पीने को रुपये मांगे थे। मां के मना करने पर फावड़े से उन पर हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक महिला रामकली बोल और सुन नहीं पाती थी। हत्या के बाद जब उसका नशा उतरा तो बचने के लिए उसने रामकली के चरित्र पर भी उंगली उठाई थी। 

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अदालत ने 50 हजार का जुर्माना भी डाला

बदायूं। पुलिस ने ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत इस मामले की पैरवी की, जिसके बाद अदालत ने भगवान दास को शुक्रवार को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी। 

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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