30 वर्ष बाद बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग, विशेष फलदायी होंगे चैत्र नवरात्र

30 वर्ष बाद बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग, विशेष फलदायी होंगे चैत्र नवरात्र

बदायूं। चैत्र नवरात्र इस साल नौ अप्रैल को है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की सच्‍ची श्रृद्धा और आस्‍था के साथ पूजा की जाती है। पहला नवरात्रि नौ अप्रैल को है और आखिरी 17 अप्रैल को है। पहले दिन कलश स्‍थापना की जाती है और नौवें दिन कन्‍या भोज के साथ मां दुर्गा की विदाई कर दी जाती है। आइए ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा से जानते हैं कि इस साल नवरात्रि में क्‍या होगी मां दुर्गा की सवारी और कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त-

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पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का आरंभ नौ से

-चैत्र नवरात्रि को लेकर इस बार लोगों के बीच में थोड़ी सी दुविधा है कि यह आठ अप्रैल से आरंभ होंगे या फिर नौ अप्रैल से। पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का आरंभ नौ अप्रैल से होगा। चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा का आरंभ आठ अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी नौ अप्रैल को रात के समय आठ बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार नवरात्रि का आरंभ नौ अप्रैल से होगा। 

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घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

-चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मां दुर्गा का वाहन इस बात‍ पर निर्भर करता है कि नवरात्रि का पर्व किस दिन से आरंभ हो रहा है। पंचांग के अनुसार इस साल नवरात्रि का आरंभ नौ अप्रैल मंगलवार से हो रहा है। इसलिए मां दुर्गा का वाहन अश्‍व यानी घोड़ा होगा। मां दुर्गा की घोड़े पर सवारी को आने वाले साल के लिए शुभ संकेत नहीं माना जाता है। घोड़े पर देवी का आना युद्ध छत्र भंग यानी कई स्थानों पर सत्ता परिवर्तन का संकेत दे रहा है। इस साल देश में आम चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि चुनाव के नतीजे काफी आश्‍चर्यजनक हो सकते हैं। इसके अलावा घोड़े पर मां दुर्गा का आना राष्‍ट्रीय आपदा साथ लेकर आता है। पूरे देश को कोई भयंकर प्राकृतिक आपदा झेलनी पड़ सकती है। जबकि शारदीय नवरात्रि में इस बार मां का आगमन गुरुवार को होने से मां की सवारी डोले पर होगी। मां का डोले पर आना भी अपने साथ भयंकर परिणाम लेकर आता है।

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कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त

- पंचांग की गणना में बताया गया है कि इस बार कलश स्‍थापना के लिए सिर्फ 51 मिनट का समय मिल रहा है। कलश स्‍थापना सुबह छह बजकर 12 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक कर सकते हैं। चार घंटे 11 मिनट का यह मुहूर्त सामान्‍य मूहूर्त माना जा रहा है। वहीं घटस्‍थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक कुल 51 मिनट का है। इस बार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। यह सर्व कार्य सिद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना जा रहा है।


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