बदायूं। निकाय चुनाव के दौरान भाजपा का विरोध करते हुए अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ाने के कारण भाजपा से निष्कासित वजीरगंज के राहुल वार्ष्णेय को एक बार फिर पार्टी ने अपना लिया हैै। भाजपा प्रत्याशी ने खुद वजीरगंज जाकर भाजपा में शामिल कराया। भूमाफिया घोषित किए जा चुके राहुल के एक बार फिर पार्टी में शामिल होने की क्षेत्र में काफी चर्चा है।
वजीरगंज के रामलीला मैदान पर कब्जा कर दुकान बनाने समेत कई जमीनों पर कब्जा करने के आरोप में राहुल को भूमाफिया घोषित किया जा चुका है। प्रशासन द्वारा लिखाए गए मुकदमों में कोर्ट ने दोषी मानते हुए छह अप्रैल को तलबी का समन भी जारी किया था। गौरतलब है कि राहुल वार्ष्णेय पहले भाजपा मे थे लेकिन निकाय चुनाव में जब इनको टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ाया था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। इस सबके बाद भी पार्टी में उन्हें फिर से शामिल करना पार्टी के ही तमाम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को हजम नहीं हो रहा।
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माननीय का 'प्यार' या 'मजबूरी'...जो इतनी सरपरस्ती
बदायूं। बताया जाता है कि राहुल वार्ष्णेय पर जिले के एक माननीय की विशेष कृपा है। राहुल के भूमाफिया घोषित होने और पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद भी इन माननीय की उन पर विशेष कृपा रही है। बताते हैं कि रविवार को भाजपा प्रत्याशी को वजीरगंज ले जाकर राहुल को पार्टी में शामिल कराने के पीछे भी इन्ही माननीय की भूमिका रही है। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि इसके पीछे माननीय का राहुल के प्रति ये प्यार है या माननीय की कोई मजबूरी है जो वह भूमाफिया घोषित हो चुके राहुल का इतना साथ दे रहे हैं। इसके साथ ही लोग यह भी कह रहे हैं कि भाजपा प्रत्याशी को अंधेरे में रखकर कुछ नेता अपना स्वार्थ साध रहे हैं जो आगे प्रत्याशी को भारी पड़ सकता है।
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