ये जिला अस्पताल है ! यहां दवाएं नहीं मर्ज बंटता है, दम घुटे या जान जाए, किस को फर्क पड़ता है

ये जिला अस्पताल है ! यहां दवाएं नहीं मर्ज बंटता है, दम घुटे या जान जाए, किस को फर्क पड़ता है

शनिवार को स्टाफ ने कूड़े के ढेर में लगा दी आग, मरीज और तीमारदार हुए परेशान

बदायूं। जिला अस्पताल में भले ही दवाओं और डॉक्टरों की कमी हो लेकिन मर्ज बांटने में अस्पताल आगे है। यही वजह है कि जिस अस्पताल पर मरीजों का इलाज करके उनकों रोगमुक्त करने का जिम्मा है वहीं उन्हें बीमारियां बांटने में भी परहेज नहीं कर रहा। अस्पताल भर का कूड़ा और मेडिकल वेस्ट एक जगह एकत्र करके उसे आग के हवाले किया जा रहा है, जिससे उठने वाले धुंए से मरीजों और तीमारदारों का दम निकला जा रहा है। 

जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तो कमी है ही, समय-समय पर दवाओं की भी कमी यहां देखी जाती है। कई बार डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही सामने आती है तो कई बार मरीजों की अनदेखी की शिकायतें भी सुनाई देती हैं। आम जनता भी इसे रूटीन मानकर चुप हो जाती है लेकिन जिस अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों को रोगमुक्त करने का जिम्मा है वहीं मरीजों और अस्पताल आने वाले लोगों को बीमारियां बांट रहा है। शनिवार को होम्योपैथिक विभाग के पास स्टाफ द्वारा जलाया जाने वाला कूड़ा और उससे निकलता गाढ़ा धुंआ तो यही कहानी कह रहा है। शनिवार को स्टाफ द्वारा यहां एकत्र कूड़े के ढेर में आग लगा दी गई, जो आसपास के वार्डों और तीमारदारों की परेशानी का सबब बन गई। 


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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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