देश-विदेश के फूलों से महका मां वैष्णो देवी भवन

देश-विदेश के फूलों से महका मां वैष्णो देवी भवन

नई दिल्ली। नवरात्र के अवसर पर माता वैष्णो देवी धाम पर देशी और विदेशी फूलों व फलों से विशेष सज्जा की गई। दुनिया के चार देशों और आठ भारतीय शहरों से 70 ट्रकों के जरिए यहां तक पहुंचे तरह-तरह के फूलों से मां का दरबार सजाया गया। वैष्णो देवी धाम की इस अनोखी छटा को देखकर माता के दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु मंत्रमुग्ध नजर आए।

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एक किलोमीटर तक महका भवन 

इस बार माता वैष्णो देवी भवन से करीब एक किलोमीटर तक यह विशेष पुष्प सज्जा की गई । इनमें मां के बाल स्वरूप पर आधारित पुष्प सज्जा विशेष आकर्षण का केंद्र है। मां की प्राचीन गुफा फल और फूलों से सजी है। इनके अलावा बाणगंगा स्थित दर्शनी दयोड़ी और अर्धकुंवारी गर्भजून गुफा परिसर में सज्जा हुई है।

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देशी-विदेशी फल व फूल 

मिल फॉर्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि  माता के दरबार में विशेष सज्जा में जिन फलों का उपयोग किया गया है उनमें सेब, आम, अंगूर, अनार, अमरूद, अनानास, मंदारिन संतरा और नाशपाती शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विदेशों से जिन फूलों को मंगाया गया है उनमें हाइड्रेंजिया मिश्रित, राजा प्रोटिया गुलाबी, केप बाल्टी, हाइपरिकम बेरी लाल, बंकासिया मिश्रित, सिम्बिडियम और ट्यूलिप के अलावा इटालियन रस्कस और सिल्वर डॉलर तक शामिल है। वहीं, भारतीय फूल में गुलाब (मिश्रित रंग), कार्नेशन, लिमोनियम, ऑर्किड बैंगनी और हरा, डेजी ऑल मिक्स कलर (गुलदाउरी), जरबेरा, हाइड्रेंजिया, एशियाई लिली, सेलोसिया गहरा गुलाबी/पीला/लाल, स्नैपड्रैगन- (पीला और सफेद) और जिप्सोफिला शामिल है

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 25 वर्षों से की जा रही सज्जा 

शर्मा ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से मां वैष्णो धाम को नवरात्र में इसी तरह फूलों से सजाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बाल स्वरूप को थीम रखा गया है। उन्होंने बताया कि थाईलैंड, न्यूजीलैंड, हॉलैंड के साथ साथ भारत के भी अलग अलग शहरों से फूलों को यहां मंगाया जाता है।

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    Bdn ke neta harami hain

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    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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