मासूमों के सिर से उठा पिता का साया, एक सप्ताह मौत से लड़ी जंग

मासूमों के सिर से उठा पिता का साया, एक सप्ताह मौत से लड़ी जंग

बदायूं। एक सप्ताह से भी अधिक समय तक मौत से जंग लड़ने वाला नसीम आखिर अपनी जिंदगी हार गया। आग से झुलसे नसीम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।दहगवां निवासी करीब 30 साल का नसीम 22 फ़रवरी की रात अपने परिवार के साथ घर में बने कमरे मे सो रहा था। आधी रात के बाद किसी तरह शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते तब तक आग नेविकराल रूप धारण कर लिया। आग की चपेट में आकर नसीम, उसकी पत्नी 26 वर्षीय गुलिस्ता, चार साल की बेटी इनाया, छह साल का रुहान व एक साल का सयान बुरी तरह झुलस गए। नसीम का छोटा भाई सलीम भी आग की चपेट में आ गया। हालांकि नसीम ने बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश में नसीम बुरी तरह जख्मी हो गया था। चीख पुकार सुनकर एकत्र हुए पड़ोसियों ने पहले बिजली की लाइन काटी और जैसे तैसे आग पर काबू पाया। सभी घायलों क़ो अलीगढ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। बीती रात इलाज के दौरान नसीम की मौत हो गई। 

Leave a Reply

Cancel Reply

Your email address will not be published.

Follow US

VOTE FOR CHAMPION

Top Categories

Recent Comment

  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

    quoto
  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

    quoto
  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

    quoto