ईंट मारकर गला दबाया, फिर तेजाब डालकर पहचान मिटाने का प्रयास

ईंट मारकर गला दबाया, फिर तेजाब डालकर पहचान मिटाने का प्रयास

अवैध संबंधों के शक और रुपयों के लालच ने करा दी वारदात

बदायूं। भांजी से अवैध संबंधों के शक और कर्ज उतारने के लिए रुपयों के लालच ने एक युवक ने दूसरे युवक की जान ले ली। पहले उसने ईंट से सिर पर प्रहार करके गला दबाकर मार डाला और फिर तेजाब डालकर पहचान मिटाने का प्रयास किया। पुलिस ने वारदात के नौ दिन बाद खुलासा करते हुए हत्यारे युवक को गिरफ्तार कर लिया है। 


                             --हत्यारोपी सचिन--

कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव लभारी निवासी महावीर का 18 साल का बेटा गोपाल आठ सितंबर की शाम को लापता हो गया था। परिजनों ने उसे काफी ढूंढा, लेकिन उसका पता नहीं चला। अगले दिन परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। विगत 13 सितंबर को लभारी के जंगल में सड़ी-गली अवस्था में एक शव बरामद हुआ। उसके पास कुछ कपड़े व शरीर के कुछ हिस्से हाथ आदि बरामद हुए। परिजनों ने इनके आधार पर उसकी शिनाख्त गोपाल के रूप में की। इसके बाद पुलिस गोपाल के हत्यारे की तलाश में लग गई। 

जांच के बाद सचिन पुत्र विनोद का नाम सामने आया तो पुलिस ने सचिन से पूछताछ की। पूछताछ में सचिन टूट गया। उसने बताया कि उसे शक था कि गोपाल के उसके भांजी के साथ संबंध हैं। इसके अलावा वह कर्ज में भी डूबा है। कर्ज से मुक्त होने के लिए उसने गोपाल की हत्या की योजना बनाई और गोपाल को मार डाला। 

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बीयर पिलाकर ले गया था जंगल में

बदायूं। सचिन ने बताया कि उसने पहले गोपाल को बीयर पिलाई। जब वह नशे में हो गया तो वह उसे बहाने से लभारी गांव के जंगल में ले गया और धोखे से उसके सिर में ईंटो से प्रहार किया। इसके बाद गमछे से उसका गला दबाया तथा उसकी मृत्यु हो जाने पर शव के ऊपर टॉयलेट में प्रयोग किया जाने वाला तेजाब  डाल दिया ताकि उसे कोई पहचान न सके। कैमिकल / तेजाब डालकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया गया।

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हत्या के बाद पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कराने का किया प्रयास

बदायूं। सचिन ने बताया कि गोपाल को मारने के बरद उसने उसके मोबाइल से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने का भी प्रयास किया ताकि वह अपना कर्ज उतार सके। 

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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