उच्च शिक्षा के नाम पर केवल आश्वासन...आज तक दातागंज में नहीं बन सका सरकारी डिग्री कॉलेज

उच्च शिक्षा के नाम पर केवल आश्वासन...आज तक दातागंज में नहीं बन सका सरकारी डिग्री कॉलेज

बदायूं। जनपद के पिछड़े इलाकों में शुमार दातागंज नगर में आज तक एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं हो सकी। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कहें या स्वार्थ जो उच्च शिक्षा के नाम पर यहां की जनता को केवल आश्वासन ही मिलते रहे। अब चुनाव नजदीक है तो यहां सरकारी डिग्री कॉलेज की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। 

दातागंज की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो 2011 की जानकारी के अनुसार तहसील का कुल क्षेत्रफल 1,086 वर्ग किमी है, जिसमें 1,059.26 वर्ग किमी ग्रामीण क्षेत्र और 26.43 वर्ग किमी शहरी क्षेत्र शामिल है। दातागंज तहसील में कुल 6,87,921 लोग हैं, जिनमें शहरी जनसंख्या 1,17,903 है जबकि ग्रामीण जनसंख्या 5,70,018 है। जब शिक्षा की बात आती है, तो यहां की 43.08 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर है, जिसमें से 50.70 प्रतिशत पुरुष और 34.15 प्रतिशत महिलाएं हैं। दातागंज तहसील में करीब साढ़े चार सौ से ज्यादा गांव हैं। (नीचे और पढ़ें )-


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नगर में केवल एक डिग्री कॉलेज

बदायूं। दातागंज नगर क्षेत्र में केवल एक सरकारी इंटर कॉलेज जीजीआईसी है जबकि चार एडेड कॉलेज हैं। डिग्री कॉलेज के नाम पर केवल एक आरपीएसएस कॉलेज है। यहां कोई सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है, जिसकी मांग लगभग हर चुनाव में उठती है। संपन्न घरों के बच्चे तो इंटर करने के बाद बदायूं शहर या दूसरे जिलों में चले जाते हैं लेकिन अन्य बच्चे इंटर तक ही पढ़ाई कर पाते हैं। खासकर लड़कियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। (नीचे और पढ़ें )-


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एक सरकारी डिग्री कॉलेज की महती आवश्यकताः डॉ. गौतम

बदायूं। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड में भौतिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. आलोक सागर गौतम दातागंज तहसील के मूल निवासी हैं। (नीचे और पढ़ें )-


वह कहते हैं कि दातागंज तहसील में उच्च शिक्षा के लिए गिने चुने डिग्री कॉलेज है और लगभग सभी प्राइवेट हैं। इंटरमीडिएट करने के बाद बहुत कम ही छात्र-छात्राएं, जो संपन्न घरो  से हैं, शिक्षा के लिए प्राइवेट डिग्री कॉलेज और दूसरे जिले की तरफ रुख करते हैं। रहने आदि के भारी भरकम खर्च के कारण छात्र छात्राएं अधूरी पढ़ाई कर पाते हैं। तराई का इलाका होने के कारण आजीविका के साधन भी सीमित हैं। ऐसे में माता पिता पढ़ाई के लिए ज्यादा सपोर्ट नहीं कर पाते है और अधिकांश गांवों में पढ़ाई का स्तर घटता जा रहा है। वह कहते हैं कि उच्च शिक्षा के लिए दातागंज तहसील में एक सरकारी डिग्री कॉलेज की अत्यंत आवश्यकता है ताकि सीमित संसाधनों में छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि, समाज का प्रबुद्ध वर्ग दातागंज क्षेत्र के लिए सामाजिक कार्य करने वाले सभी संभ्रांत वर्ग से अपील है कि उच्च शिक्षा के लिए दातागंज तहसील में एक सरकारी डिग्री कॉलेज के लिए सामूहिक प्रयास करें।




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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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