सम्भल: अभी जेल में ही रहना होगा जामा मस्जिद के सदर को, जमानत खारिज

सम्भल: अभी जेल में ही रहना होगा जामा मस्जिद के सदर को, जमानत खारिज

सम्भल। सम्भल की जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत शुक्रवार को खारिज कर दी गई। ऐसे में अभी उन्हें जेल में ही रहना होगा। सदर जफर अली और सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर सम्भल में हिंसा भड़काने के गंभीर आरोप हैं। शुक्रवार को दोनों पक्षों में हुई बहस के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।

सम्भल हिंसा मामले में बीते 23 मार्च को पुलिस ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मामले में बीते दो अप्रैल को सुनवाई हुई थी जिसमें अपर ज़िला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने जफर अली की जमानत याचिका पर बहस की थी। इसके बाद अगली तिथि चार अप्रैल की निर्धारित की गई थी। शुक्रवार को जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत सुनवाई न्यायाधीश निर्भय नारायण राय की अदालत में  हुई, जिसमें सदर की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नजर कुरैशी, आसिफ अख्तर, विनयराज वीनू, राजेश यादव, विनोद आदि अधिवक्ताओं ने जोरदार बहस की। सरकार की ओर से एडीजीसी हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी द्वारा बहस की गयी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश द्वारा जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। बताया जाता ळै कि अब सदर के परिजन उच्च न्यायालय इलाहबाद में जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। तब तक सदर को सम्भल जेल में ही रहना होगा। 


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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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