
बदायूं। वरिष्ठ अधिवक्ता रोहताश कुमार सक्सेना का कहना है कि सावन में कावड़ यात्रा के दौरान बरेली-बदायूं मार्ग को बंद नहीं किया जाना चाहिए। इससे जनता को भारी असुविधा होती है। आवागमन अवरुद्ध हो जाता है तो इमरजेंसी सेवाएं भी ठप हो जाती हैं। रोजाना काफी संख्या में मरीजो को बदायूं से बरेली जाना पड़ता है, क्योंकि बदायूं में चिकित्सा व्यवस्था बिल्कुल न के बराबर है। इसके अलावा कई दैनिक आवश्यकता की व्यापारिक वस्तुएं बरेली से आती हैं।
उन्होंने कहा कि बदायूं बरेली मार्ग फोरलेन है। ऐसे में कावड़ यात्रियों को एक साइड में तथा एक साइड को आम जनता के आवागमन हेतु आरक्षित कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से सावन के महीने में सप्ताह में चार दिन बरेली बदायूं का सीधा रूट आम जनता के लिए बंद कर दिया जाता है जो बहुत गलत है। रोडवेज की बसें दातागंज अथवा आंवला होकर काफी घूमकर लंबी दूरी तय करके चलाई जाती है। इससे आम जनता की जेब पर किराये का बोझ बढ़ जाता है क्योंकि दूरी के हिसाब से किराया बढ़ा दिया जाता है। समय की भी बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासन को इस मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि जनता का शोषण न हो। उन्होंने नये एसएसपी से अपेक्षा की है कि वह जनता की समस्या को देखते हुए सावन में कावड़ यात्रा के दौरान बरेली बदायूं मार्ग आम जनता के लिए अवरुद्ध नहीं होने दें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी इस बाबत पहल करने की मांग की है।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।