
बीमारी से निजात पाने के लिए माता बनी 'कुमाता'...अपनी एक माह की बेटी की दे दी बलि
मुजफ्फरनगर। खुद की बीमारी से निजात पाने के लिए एक मां अपनी ही एक माह की बेटी की हत्यारिन बन गई। तांत्रिक की सलाह पर उसने अपनी बेटी की बलि दे दी और उसकी लाश जंगल में छिपा दी। पड़ोसियों को जब बच्ची नहीं दिखी तो मामले का खुलासा हुआ।
मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के बेलदा गांव में गोपाल कश्यप और उसकी पत्नी ममता रहते हैं। ममता काफी समय से बीमार रहती है। कई इलाज कराने पर भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया। इस पर उसने एक तांत्रिक की शरण ली। तांत्रिक ने उसे सलाह दी कि एक माह की बच्ची की बलि देने पर वह ठीक हो जाएगी। बीमारी से छुटकारा पाने के लिए पति-पत्नी ने अपनी ही एक महीने की बच्ची की बलि दे दी और उसकी लाश को जंगल में ले जाकर दफन कर दिया। पड़ोसियों को जब बच्ची दिखाई नहीं दी तो उन्हें शक हुआ। मामला पुलिस तक जा पहुंचा तो उन्होंने गोपाल और ममता से पूछताछ की। बातचीत में पुलिस को शक हुआ, जिसके बाद कड़ाई से पूछने पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अब पुलिस माता-पिता के बयान के आधार पर बच्ची के शव की तलाश कर रही है।
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पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।