ये क्या....बूथ के अंदर ले गए मोबाइल, फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाले

ये क्या....बूथ के अंदर ले गए मोबाइल, फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाले

बदायूं। चुनाव में मतदान केंद्रों के भीतर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होती है। वैसे तो लोगों को यहां तक फोन लाने के लिए पहले ही मना कर दिया जाता है लेकिन यदि कोई गलती से ले भी जाता है तो बूथ के अंदर जाने से पहले ही मौजूदा पुलिसकर्मी या तो मोबाइल रखकर आने को कहते हैं या फिर खुद ही जमा कर लेते हैं लेकिन मुजरिया समेत कई जगहों पर इस नियम का खुला उल्लंघन तब दिखाई दिया जब लोग न केवल बूथ के अंदर मोबाइल लेकर चले गए बल्कि फोटो खींचकर लोगों को शेयर भी की। आंवला लोकसभा से जुड़े कुछ  बूथों पर भी यह देखने में आया। बताया जाता है कि कई लोग इस प्रकार मोबाइल लेकर जाते देखे गए लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की जहमत नहीं दिखाई। इस प्रकार के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

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युवाओं ने परिवार के साथ किया मतदान

बदायूं। वोटिंग की बात करें तो इस बार युवाओं में मतदान के प्रति उत्साह दिखाई दिया। पहली बार वोट डालने वाले युवाओं को नई सरकार के प्रति जागरूक होते देख उनके अभिभावक भी प्रसन्न हुए। तीसरे चरण के लिए हुए मतदान के प्रति लोगों मे काफी उत्साह रहा।


जो लोग व्यवसाय या सर्विस की वजह से या बच्चों की पढ़ाई के लिए शहर या दूरदराज इलाको में रहने लगे है,उन्होंने अपने पैतृक गांव व शहर जाकर मतदान किया। नवादा निवासी सौरभ श्रीवास्तव वैसे तो शहर में रहते हैं लेकिन उन्होंने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव बल्लिया जाकर मतदान किया। वह मतदान करके बहुत खुश दिखाई दिए। ऐसे ही अन्य कई युवा एक दिन पहले केवल वोट डालने शहर आए। 

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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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