
ये क्या...स्व.महेंद्र सिंह टिकैत के नाम से कोर्ट ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट
बदायूं। भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक और किसान नेता स्व. महेंद्र सिंह टिकैत् के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया जबकि उनका निधन हुए करीब 13 साल बीत चुके हैं। किसान नेता महेंद्र टिकैत की वर्ष 2011 में मृत्यु हो
गई थी। अब उनके बेटे राकेश टिकैत यूनियन की कमान संभाले हैं। अब सोशल मीडिया पर एक वारंट वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस को आदेश दिए गए हैं कि महेंद्र सिंह टिकैत को तलाश कर कोर्ट में पेश किया जाए। ये वारंट कैराना जिला कोर्ट की ओर से जारी किया गया है। जिसमें भोराकला पुलिस को आदेशित किया गया है।
-----
किसान आंदोलन के अगुवा थे स्व. टिकैत, थर्राती थीं सरकारें
बदायूं। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का नाम बड़े किसान नेताओं में शुमार रहा है। वह मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले थे। उन्होंने किसान हित को लेकर तमाम लड़ाईयां लड़ीं। एक समय था जब उनके तथा किसान यूनियन के नाम से सरकारें भी थर्रा जाया करती थीं।
-------
शामली में दर्ज हुआ था मुकदमा
बदायूं। चौधरी स्व. महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ जो वारंट जारी हुआ है वह मुक़दमा 2007 में शामली के कांधला पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। बताते हैं कि उस समय उन्होंने किसानों के हक में कांधला क्षेत्र के खंदरावली में धरना प्रदर्शन किया था। बताते हैं कि बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक पेश नहीं किया जा सका है, जिस कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है।
Leave a Reply
Cancel Replyमुख्य समाचार
VOTE FOR CHAMPION
Recent News
Get Latest News
Subscribe to our newsletter to get the latest news and exclusive updates.
Top Categories
-
अपराध/ घटनाक्रम
597
-
बदायूं समाचार
300
-
गतिविधियां
263
-
आसपास समाचार
117
Recent Comment
-
by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
-
by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
-
by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।