पुलिस ने वसूली को रोके वाहन तो कांवड़ियों का आया गुस्सा, पथराव व मारपीट

पुलिस ने वसूली को रोके वाहन तो कांवड़ियों का आया गुस्सा, पथराव व मारपीट

बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के पास पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोकना वाहन चालकों को भारी पड़ गया। आरोप है कि पुलिस ने प्राइवेट बसों समेत कई वाहन वसूली के लिए रोक लिए थे। डाक कांवड़ ला रहे कांवड़ियों को जब काफी देर तक रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने हंगामा कर दिया। गुस्साए कांवड़ियों ने बस पर पथराव कर उसके शीशे तोड़ दिये और चालक को पीट दिया। 



कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने शुक्रवार रात से सोमवार तक रूट बरेली-मथुरा मार्ग पर डायवर्जन कर रखा है पर लोगों का कहना है कि मंगलवार को भी पुलिस ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के पास अवंतीबाई तिराहे पर बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया। यात्रियों के अनुसार, सुबह को बरेली से जयपुर तक चलने वाली प्राइवेट बस समेत कई वाहन तिराहे पर रोक दिए गए। इससे वहां जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई। आरोप है कि पुलिस बस समेत प्राइवेट वाहनों को निकालने के लिए वसूली कर रही थी तथा न देने पर वाहनों को रोककर रखा गया था। 

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डाक कांवड़ लेकर आए कांवड़ियों को रोकने पर भड़का गुस्सा

बदायूं। मंगलवार सुबह कछला से डाक कांवड़िये का जत्था आ रहा था। डाक कांवड़ को कहीं रखकर विश्राम नहीं किया जाता। ऐसे में जब इस जत्थे को रुके वाहनों के कारण ठहरना पड़ा तो पहले तो कांवड़ियों ने वाहनों को निकालने का अनुरोध किया लेकिन पैसे न मिलने के कारण पुलिस ने वाहनों को निकलने नहीं दिया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद डाक कांवड़ियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्राइवेट बस पर पथराव कर दिया। इससे बस के शीशे टूट गए और यात्रियों में अफरातफरी मच गई। कुछ यात्री बस से निकलकर भाग छूटे। इसके बाद कांवड़ियों ने बस चालक को भी पीट दिया। 

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पुलिस का गुस्सा उतरा बस पर 

बदायूं। कांवड़ियों का गुस्सा तो पुलिस कर्मियों पर था लेकिन वश न चलने पर उनका गुस्सा बस और उसके चालक पर निकल गया। पथराव के बाद पुलिस कर्मियों के भी पसीने छूट गए और उन्होंने वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया।

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सड़क से टूटे शीशे इकट्ठे कर गड्ढों में फिंकवाए पुलिस ने

बदायूं। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि उच्चाधिकारियों से शिकायत होने के डर से तिराहे पर तैनात पुलिस कर्मियों ने बस के टूटे शीशे के टुकड़े सड़क पर झाड़ू लगवाकर पहले इकट्ठे कराए और फिर उन्हें सड़क किनारे गड्ढों में फिंकवा दिया। लोगों का यह भी कहना था कि जब रूट डायवर्जन शुक्रवार से सोमवार तक का है तो पुलिस किस आधार पर बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक रही थी जबकि रोड पर कांवड़ियों की खासी भीड़ भी नहीं थी। 

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कुछ पुलिस वालों की 'चांदी' लेकर आता है सावन का महीना

बदायूं। लोगों का कहना है कि कुछ पुलिस कर्मियों के लिए सावन का महीना 'चांदी' लेकर आता है। रूट डायवर्जन के नाम पर रात और दिन में वाहनों को रोककर वसूली की जाती है। इन वाहन चालकों को डायवर्जन और कांवड़ का भय दिखाकर पैसे ऐंठे जाते हैं। परेशानी और लंबे रास्ते से बचने के लिए वाहन चालक भी पुलिस को पैसे देकर निकल जाते हैं। 


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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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