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बदायूं। सहसवान में एक निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ। जानकारी पर परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा भी किया।
ग्राम भमोरी निवासी पुष्पेंद्र के अनुसार, उसकी पत्नी नीतू गर्भवती थी। उसने उसे सहारा अस्पताल में भर्ती कराया था। जब नीतू का ऑपरेशन किया गया तो उसे रक्तस्राव होने लगा। ऑपरेशन से बेटी का जन्म हुआ, लेकिन उसने तुरंत ही दम तोड़ दिया। नीतू को रक्तस्राव अधिक होने के कारण स्टाफ के हाथ पैर फूल गए। आरोप है कि इसे रोकने के लिए उन्होंने नीतू को कई इंजेक्शन लगा दिए। इसके बाद नीतू की भी मौत हो गई। जानकारी होने पर तमाम ग्रामीण अस्पताल पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर पुलिस भी आ गई। बताते हैं कि ग्रामीणों का गुस्सा देखकर पुलिस आरोपी कर्मचारियों को थाने ले आई। पुष्पेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी का प्रसव कराने के लिए गांव की आशा बेगवती सहारा अस्पताल यह कहकर लाई कि यहां पर प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम नीतू का ऑपरेशन करेंगे। आरोप है कि ऑपरेशन के 22000 रुपये तय किए गए थे। अस्पताल में पहुंचते ही मौजूद स्टाफ ने 22000 रुपये तुरंत जमा करा लिए। उनका कहना है कि स्टाफ की लापरवाही से उनकी पत्नी की मौत हुई है।
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स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चल रहे अस्पताल
बदायूं। सहारा अस्पताल पंजीकृत है या नहीं या फिर स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में है या नहीं आदि बातों को जानने के लिए जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रशांत त्यागी के मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। हालांकि सीएमएस ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वह मामले की जांच कराएंगे।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।