
गोरखपुर। निर्मार्णाधीन ओवरब्रिज का गर्डर गिरने से उसके नीचे दबकर सशस्त्र सीमा बल के एक इंस्पेक्टर की मौत हो गई। गर्डर गिरने से शव बुरी तरह कुचलकर जमीन से चिपक गया, जिसे खुरचकर निकालना पड़ा। इंस्पेक्टर अपने एक साथी के साथ बाइक से जा रहे थे। हादसे में उनका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया।
मूलरूप से हरिद्वार के रहने वाले विजेंद्र सिंह बतौर इंस्पेक्टर एसएसबी सशस्त्र सीमा बल के हेडक्वार्टर चिलुआताल में पिछले दो साल से तैनात थे। बृहस्पतिवार को वह अपने साथी इंस्पेक्टर 42 वर्षीय मनये कुंडू के साथ नकहा रेलवे क्रॉसिंग के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज के नीचे से होकर बाइक पर जा रहे थे। इसी दौरान करीब 10 क्विंटल वजन का एल्यूमीनियम का गर्डर उन पर गिर गया। यह गर्डर क्रेन से उठाया जा रहा था कि इसी दौरान उसकी चेन टूट गई। वह सीधे विजेंद्र सिंह पर आकर गिरा, जिसके नीचे दबकर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। भारी गर्डर के बीच उनकी लाश जमीन से चिपक गई, जिसे बाद में खुरचकर निकालना पड़ा। हादसे के बाद क्रेन चालक भाग गया।
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कब आ जाए मौत....विश्वास नहीं होता
- इंस्पेक्टर की मौत एक ऐसा हादसा है, जिस पर सहसा विश्वास नहीं होता। इतनी दर्दनाक मौत वास्तव में अविश्वसनीय होती है। शायद इसलिए ही कहा जाता है कि मौत अपना रास्ता खुद बना लेती है और जिंदगी व मौत के बीच सेकेंड के हजारवें हिस्से से भी कम का फासला होता है। पिछले दिनों हल्द्वानी में ऐसे ही एक हादसे में एक मैकेनिक की मौत हो गई थी जब उसके सिर पर सिलेंडर गिर पड़ा था।
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पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।